धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन को आग से कितना खतरा:क्या फिर बंद हो सकती है धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन?


धनबाद(DHANBAD): जमीन के नीचे आग और ऊपर बिंदास जिंदगी, यही तो है कोयलांचल की जिंदगानी. बीच-बीच में भू धसान की घटनाएं, gof के मामले डराते हैं, लेकिन लोग अग्नि प्रभावित इलाके से दूर हटते नहीं है. कहा जा सकता है कि उनका विस्थापन सही ढंग से नहीं किया जाता. भूमिगत आग के चलते बीच-बीच में कोहराम भी मचता है, लेकिन फिर सब कुछ घोषणाओं के पिटारे में बंद हो जाता है .
चंद्रपुरा रेल लाइन से 50 मीटर की दूरी पर बना gof
धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन एक बार फिर चर्चा की जद में आ गई है. इस रेल लाइन से मात्र 50 मीटर की दूरी पर सोमवार की शाम बड़े आकार का gof बन गया. जोरदार धमाके के साथ जमीन फटी और 25 फीट की परिधि में लगभग 50 फीट गहरा gof बन गया. Gof स्थल धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन से केवल 50 मीटर की दूरी पर है. इसके साथ ही एक बार फिर धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन के अस्तित्व पर सवाल खड़ा हो गया है .घटनास्थल से कुछ दूरी पर एक अन्य जगहों पर भी दरार पड़ गई है. कुछ दूरी पर ही लोगों का आवास है .gof बनने से डर का माहौल बन गया है. बीसीसीएल ने गोफ की भराई और फेंसिंग करने का निर्णय लिया है. फायर एरिया से गुजरती धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन पर भी खतरा बढ़ गया है. बीसीसीएल ने तत्काल कुछ लोगों को शिफ्ट कर दिया है. खतरे के दायरे में आने वाले लोगों को भी शिफ्ट किया जाएगा.
धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन के अस्तित्व पर खतरा
धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन 2017 से ही चर्चे में है.रेल लाइन को कितना खतरा है, यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन 2017 में एक झटके में 52 जोड़ी ट्रेनों का परिचालन इस रेल लाइन पर रोक दिया गया था. रेलवे का कहना था कि डीजीएमएस की रिपोर्ट के आधार पर ट्रेनों का परिचालन रोका गया है. धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन आग की जद में है. इसको लेकर धनबाद से दिल्ली तक आंदोलन हुए .अधिकारियों के दरवाजे खटखटाये गए. नेताओं तक बात पहुंची. ऐतिहासिक आंदोलन हुआ .उसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले धीरे-धीरे ट्रेनों का परिचालन धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन पर शुरू किया गया. हालांकि अभी भी सभी ट्रेनें नहीं चल रही है. धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन को शुरू करने के लिए जो आंदोलन हुआ, वह कोयलांचल के इतिहास में ऐतिहासिक हो गया. फिर 50 मीटर की दूरी पर gof बना है. अब आगे इस पर क्या होता है. यह देखने वाली बात होगी. लेकिन इतना तो तय है कि धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन के अस्तित्व पर एक बार फिर संकट के बादल गहरा गए हैं.
रेल लाइन पर जब ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ तो यहां के जनप्रतिनिधि क्रेडिट लेने में पीछे नहीं रहे. सवाल अब उन पर भी उठेगा कि अब आगे क्या होगा.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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