कोलकत्ता -दिल्ली का डिजिटल अरेस्ट गैंग कैसे आया आसनसोल पुलिस के कब्जे में, पढ़िए उनकी हैरतअंगेज करतूत

धनबाद(DHANBAD): डिजिटल अरेस्ट कर लोगों के खाते से पैसा उड़ाने वाले एक बड़े गैंग का बंगाल की आसनसोल पुलिस ने खुलासा किया है. यह गैंग बंगाल से लेकर दिल्ली तक फैला हुआ है. यह अलग बात है कि गैंग तक पहुंचने में पुलिस को कड़ी मिहनत करनी पड़ी. आसनसोल दक्षिण थाना निवासी चंचल बनर्जी ने साइबर थाने में एफआईआर कराई थी. कहा था कि उनसे एक करोड़ तीन लाख रुपए साइबर अपराधियों ने ठग लिए है. शिकायत में कहा था कि 10 जनवरी को दिल्ली के साइबर थाना और दिल्ली के सीबीआई अधिकारी के नाम पर फोन आया. जिसमें उन्हें बताया गया कि उसके नाम से पार्सल है. उसमें अवैध समान है. पार्सल मंगाने के लिए उनके आधार कार्ड का उपयोग किया गया है. ऐसे में इसमें उनकी इसमें संलिप्तता है. उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा.
16 जनवरी तक चंचल बनर्जी को लगातार आते रहे फ़ोन
16 जनवरी तक उनके पास लगातार फोन आते रहे और गिरफ्तारी का भय दिखाया जाता रहा. उसके बाद उनके दो बैंक अकाउंट से एक करोड़ तीन लाख रुपए की ठगी की गई. सूत्र बताते हैं कि आसनसोल साइबर पुलिस के सामने डिजिटल अरेस्ट का यह पहला मामला था. इस मामले को पुलिस ने चुनौती पूर्वक लिया. मामले की जांच जब शुरू हुई तो कई खुलासे हुए. साइबर पुलिस ने पीड़ित के उस बैंक के अकाउंट को अपने थाने में मंगवाया , जिस अकाउंट से पैसे ट्रांसफर किए गए थे. अकाउंट को पुलिस ने जब जांच की तो यह देखा कि सिलीगुड़ी के एक बैंक अकाउंट में 68 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए है. फिर तो पुलिस को एक मजबूत सुराग हाथ लग गया. पुलिस ने उक्त बैंक खाते के केवाईसी डिटेल्स निकाला. फिर पुलिस को मोबाइल नंबर हाथ लगा. उस मोबाइल नंबर का लोकेशन कोलकाता के होटल में दिख रहा था.
कोलकाता के होटल में बैठ किया था डिजिटल अरेस्ट
साइबर पुलिस अधिकारी कोलकाता के उस होटल तक पहुंचे और एक आरोपी को हिरासत में लिया. उससे पूछताछ के बाद मिले तथ्यों के आधार पर कोलकाता से ही दूसरी गिरफ्तारी हुई. दोनों से जब कड़ाई से पूछताछ हुई तो पुलिस को दो और बैंक अकाउंट का पता चला. जिसे पुलिस ने तत्काल फ्रीज करा दिया. दोनों की निशानदेही पर कोलकाता से ही चार अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. अबतक कुल 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी थी. जांच में पुलिस को 7 और बैंक अकाउंट की जानकारी मिली. उनको भी फ्रीज करा दिया गया है. गिरफ्तार अपराधियों ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड दिल्ली में बैठा है. पुलिस की टीम फिर दिल्ली रवाना हुई. टीम ने तीन और लोगों को पकड़ा ,मामले में कुल 9 लोगों की गिरफ्तारी हुई और जब अपराधियों से आमने-सामने पूछताछ हुई तो पुलिस भी भौंचक रह गई.
अभी हाल ही में जामताड़ा से हुई थी छह कुख्यात की गिरफ्तारी
इधर ,अभी हाल ही में झारखंड के कुख्यात जामताड़ा के 6 साइबर अपराधियों के गिरोह ने पूरे देश की पुलिस का ध्यान अपनी ओर खींचा था . पुलिस भी उनकी करतूत सुन -जानकर हैरत में थी . यह गिरोह केवल फर्जी ऐप ही तैयार नहीं करता , बल्कि उनका यह फर्जी ऐप एंटी वायरस की पकड़ में ना आये. इसका भी तोड़ उन लोगों के पास मौजूद है. जामताड़ा में डीके बॉस के नाम से 11 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके साइबर अपराधियों के इस गिरोह से पूछताछ में इन सब बातों का खुलासा हुआ था . खुलासे के बाद झारखंड सीआईडी और केंद्रीय गृह मंत्रालय की संस्था आई 4 सी के द्वारा नए साइबर ठगी के मॉडल की तोड़ निकालने की कोशिश शुरू हो गई है. यह बात भी सच है कि पुलिस साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी तो कर रही है, लेकिन नई-नई तरकीब से नए नए गिरोह लगातार ठगी कर रहे है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
4+