धनबाद(DHANBAD) : झारखंड में चुनाव की रणभेरी बज गई है. भाजपा का कहना है कि प्रत्याशी चयन के पहले वह थर्ड पार्टी सर्वे कराएगी. इधर, कांग्रेस की भी गतिविधियां बढ़ी हुई है. बुधवार को कांग्रेस प्रभारी रांची में थे. झारखंड मुक्ति मोर्चा का तो ऐलान है कि वह हमेशा चुनावी मोड में रहता है. लेकिन इस बार झारखंड की राजनीति में कई नए समीकरण जुड़ेंगे. सवाल उठ रहा है कि कुड़मी की राजनीति के दम पर खड़ी आजसू को "2024 में कितनी बड़ी चुनौती मिलेगी, यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि खतियानी नेता जयराम महतो की पार्टी ने लोकसभा चुनाव में अच्छा परफॉर्मेंस किया है. अब तो यह भी चर्चा तेज है कि जदयू भी इस बार विधानसभा चुनाव में झारखंड में अपनी ताकत दिखाने की तयारी में है. मतलब आजसू हो या जयराम महतो की पार्टी अथवा फिर नीतीश कुमार की पार्टी हो, सभी लोग कुड़मी वोटो पर जोर लगाएंगे.
झारखंड में कुड़मी वोटो का प्रतिशत कोई 25% कहता है तो कोई 16%
झारखंड में कुड़मी वोटो का प्रतिशत कोई 25% कहता है तो कोई 16%, जो भी हो लेकिन अभी तक कुड़मी वोटों पर झारखंड में सुदेश महतो का अधिकार था. लेकिन अब वह स्थिति नहीं है. जयराम महतो ने तो उसमें सेंध लगा दी है. अगर कुड़मी वोट में नीतीश कुमार भी सेंध लगाते हैं, तो निश्चित रूप से आजसू का अधिकार टूट जाएगा और यह आजसू के लिए खतरे की घंटी हो सकती है. वैसे, लोकसभा चुनाव में गिरिडीह संसदीय क्षेत्र से जयराम महतो ने उम्मीदवारी की थी. लगभग 3. 50 लाख वोट लाकर सबको चौंका भी दिया था. इसके अलावे झारखंड के कई विधानसभा क्षेत्र में भी जयराम महतो की पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया था. अब सवाल उठता है कि भाजपा या महागठबंधन के पास विकल्प क्या है. आजसू के पास भी विकल्प क्या है. इधर, अभी चर्चा यह भी है कि जयराम महतो पर पार्टियां डोरे डाल रही है. लेकिन फिर सवाल वही खड़ा होता है कि सुदेश महतो और जयराम महतो दोनों एक पार्टी के साथ गठबंधन कर चल नहीं सकते है. तो क्या झारखंड में गठबंधन की राजनीति किसी नए मोड़ की ओरे जाएगी, यह भी अपने आप में सवाल है.
"किंग मेकर" की भूमिका में आ सकते है जयराम महतो
2024 के लोकसभा चुनाव के परिणाम को देखते हुए इस बात की पूरी संभावना है कि खतियानी नेता जयराम महतो "किंग मेकर" की भूमिका में आ सकते है. झारखंड के 12 सीट ऐसी हैं, जिन पर जयराम महतो की पार्टी असर डाल सकती है. उन सीटों में डुमरी, गोमिया, बेरमो, टुंडी, बाघमारा, चंदन कियारी, सिंदरी, इचागढ़, सिल्ली, बड़कागांव, रामगढ़ और मांडू शामिल है. यह अलग बात है कि जयराम महतो को पार्टियां गंभीरता से ले रही है और काट खोज रही है. लोकसभा चुनाव में कम से कम इन 12 सीटों पर जयराम महतो की पार्टी का परफॉर्मेंस अच्छा रहा है. 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और आजसू का गठबंधन रह सकता है. यह सवाल झारखंड के गलियारों में खूब चल रही है कि जयराम महतो की पार्टी 2024 के विधानसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक या एनडीए किसका खेल बिगाड़ेगी. यह बात तो तय है कि 12 सीट पर अगर खेल बिगाड़ा तो इंडिया ब्लॉक को अधिक नुकसान होगा, एनडीए को भी नुकसान हो सकता है. झारखंड के 2024 के लोकसभा चुनाव परिणाम से चाहे एनडीए खुश हो ले या इंडिया ब्लॉक, लेकिन दोनों को लोकसभा में विधानसभा वाइज आए वोट कुछ संदेश दे दिए है.
किन सीटों पर किसको मिली थी बढ़त
यह संदेश एनडीए के लिए भी है तो इंडिया ब्लॉक के लिए भी. लोकसभा चुनाव में विधानसभा सीटों के आंकड़े बता रहे हैं कि झारखंड के 81 सीटों में से 49 पर एनडीए को बढ़त मिली है, जबकि 26 पर इंडिया ब्लॉक को. पांच सीटों पर मुकाबला बराबरी का रहा है. जिन सीटों पर एनडीए को बढ़त मिली है, उनमें नाला, दुमका, जामा, सारठ, जरमुंडी, देवघर, पोडैया हाट, गोड्डा, कोडरमा, बरकट्ठा, धनवार, बगोदर ,जमुआ, गांडेय, बरही, बड़कागांव, रामगढ़, मांडू, हजारीबाग, सिमरिया, चतरा, लातेहार, गिरिडीह, गोमिया, बेरमो, बाघमारा, बोकारो, चंदन कियारी , सिंदरी, निरसा, धनबाद, झरिया, बहरागोड़ा, पोटका, जुगसलाई, जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, इचागढ़, सिल्ली , रांची, हटिया, कांके, सरायकेला, डाल्टनगंज, बिश्रामपुर, छतरपुर, हुसैनाबाद, भवनाथपुर, गढ़वा शामिल है. जबकि इंडिया ब्लॉक को जिन 26 सीटों पर बढ़त मिली है ,उनमें राजमहल,बोरियो , बरहेट, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, जामताड़ा, मधुपुर, खिजर , चाईबासा,मझ गांव, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खरसावां, तमार, तोरपा, खूंटी, सिमडेगा, कोलेबिरा, मांडर, सिसई, गुमला, बिशनपुर और लोहरदगा शामिल है. जिन पांच विधानसभा सीटों में मुकाबला बराबरी का रहा, उनमें महागामा, मनिका, डुमरी, टुंडी और घाटशिला शामिल है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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