पश्चिम बंगाल में झारखंड की ताले में बंद 95 लड़कियां कैसे हुई मुक्त, पढ़िए इस रिपोर्ट में !
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धनबाद (DHANBAD) : बंगाल के कारखाने में फंसी झारखंड की 95 लड़कियां मुक्त होकर घर पहुंच गई है. यह सभी लड़कियां धनबाद के पंचेत की रहने वाली है. पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के सोनारपुर के रामचंद्रपुर स्थित एक कंपनी में कार्यरत थी. धनबाद की रहने वाली 95 लड़कियां कई दिनों से कारखाने के अंदर फंसी हुई थी. बताया जाता है कि वहां वेतन को लेकर कारखाना प्रबंधन और स्थानीय मजदूरों के बीच विवाद चल रहा है. इस वजह से कारखाने के गेट में ताला लगा दिया गया था. युवतियों के वहां फंसे होने की जानकारी मिलने के बाद मंगलवार की सुबह कारखाने के गेट का ताला खोला गया.
निरसा विधायक के हस्तक्षेप के बाद खुला ताला
उसके बाद वहां फंसी लड़कियां अपने-अपने घर जाने को निकल गई. मुक्त लड़कियों के अनुसार वह अपने-अपने घर को रवाना हो गई है. कारखाने में बेवजह फंसे होने से उनके परिजन काफी परेशान थे. हालांकि उन लोगों ने वीडियो भेज कर अपनी-अपने परिजनों को अपना हाल बताया था. इसके बाद ही झारखंड के निरसा के विधायक अरुण चटर्जी से परिजनों ने संपर्क किया. विधायक अरूप चटर्जी ने बंगाल सरकार के मंत्री से बात की. उसके बाद प्रबंधन हरकत में आया. मुक्त लड़कियों ने विधायक अरूप चटर्जी का आभार जताया है.
सभी लड़कियां धनबाद के निरसा इलाके की रहने वाली है
जानकारी के अनुसार कारखाने में काम करने वाली झारखंड की लड़कियों में निरसा विधानसभा क्षेत्र के पंचेत इलाके की रहनेवाली है. उनमें से कई एक वर्ष तो कई 6 महीने से कंपनी के लिए एक्सपोर्ट क्वालिटी कपड़े की सिलाई और डिजाइन का काम कर रही थी. पिछले 16 दिनों से वहां काम ठप था. इसके बाद लड़कियों ने कंपनी प्रबंधन को घर जाने के लिए आवेदन भी दिया था. लेकिन उनकी सुरक्षा का हवाला देकर उन्हें बाहर जाने नहीं दिया जा रहा था. लेकिन निरसा विधायक के हस्तक्षेप के बाद बंगाल सरकार हरकत में आई और पूरी सुरक्षा के साथ लड़कियों को कारखाने से बाहर किया गया. बताया जाता है कि सभी लड़कियां अपने-अपने घर पहुंच गई है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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