टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : झारखंड से सबसे अधिक बच्चियों, युवतियों, महिलाओं और नाबालिगों की मानव तस्करी होती रही है. इस पर पूरी तरह से रोक लगाने, मानव तस्करों को दबोचने की प्रक्रिया लगातार चलती आ रही है. इसी कड़ी में गुरुवार को बाल कल्याण संघ, बाल अधिकार संरक्षण आयोग और एशिया फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमे चाइल्ड ट्रैफिकिंग माइग्रेशन फ्रॉम झारखंड जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई.
झारखंड में मानव तस्करी का मामला
इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन मौजूद रहे .इस दौरान मीडिया से बातचीत में राज्यपाल ने कहा की आज का यह वर्क शॉप बहुत महत्वपूर्ण है. बच्चों का रोडमैप तैयार करने के लिए हार्दिक आभार. मानव तस्करी की काली छाया से बाहर निकलने की जरूरत है. हमारे राज्य में झारखंड में इस तरह का मामला हमेशा आता रहता है. बाल कल्याण को लेकर रामदयाल मुंडा शोध संस्थान ने इस बात पर शोध किया है जो काबीले तारीफ है.
500 बच्चे को कराया मानव तस्करी से मुक्त
बच्चे स्कूल से ड्रॉप आउट होते हैं जो कि मानव तस्करी का सबसे बड़ा कारण है इस मामले पर पेरेंट्स को गंभीरता से विचार करना चाहिए. ताकि ऐसी नौबत आनी नहीं चाहिए. ड्रॉप आउट बच्चे को लेकर शिक्षको को गंभीरता से विचार करना चाहिए. बहुत कम समय में 500 बच्चे को मानव तस्करी से मुक्त हुआ है.
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