रांची(RANCHI): झारखंड के गरीबों को अब आवास योजना के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. लंबे समय से राज्य के आठ लाख गरीब आवास योजना के लिए आवेदन का रहे है.लेकिन केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय स्थापित नहीं होने के कारण सभी आवेदन लंबित पड़े है.इस बीच सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन ने इसका तोड़ निकाल लिया है.बिना केंद्र सरकार के सहयोग से सरकार ने राज्य के गरीबों को तीन कमरों का आवास देने का दावा किया है.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसकी घोषणा कई बार कर चुके है. लेकिन अब इसे धरातल पर उतारने की तैयारी है.
केंद्र ने आवास को लटकाने का काम किया
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शनिवार यानी आज चक्रधर पुर में एक सभा को संबोधित कर रहे थे.इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने सम्बोधन में कहा कि झारखंड राज्य में गरीब अन्य राज्यों से ज्यादा है. यहाँ के गरीबों को रहने को घर नहीं है. सरकारी योजना पर निर्भर करते है. लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य के आठ लाख लोगों का आवेदन को अधर में लटकाने का काम किया है.केंद्र सरकार से कई बार पत्राचार कर इस मसले का हल निकालने का अनुरोध किया है. बावजूद केंद्र सरकार ने एक ना सुनी,गरीबों के आवास को अधर में लटका दिया.
अब तीन कमरों का घर गरीबों को मिलेगा
केंद्र सरकार के बिना सहयोग के अब राज्य सरकार सभी आठ लाख से अधिक लोगों को आवास देने का काम करेंगे. राज्य के गरीबों को भेड़ बकरी रहने वाला घर नहीं बल्कि आदमी को रहने वाला तीन कमरों का घर देने का काम करेंगे.हम सत्ता में आने से पहले ही राज्य के लोगों को तीन कमरे का घर देने का वादा किया था. इस अब धरातल पर उतारा जा रहा है.राज्य में बिना किसी केंद्र के सहयोग के ही गरीबों के दर्द पर मरहम लगाने का काम करेंगे.अब झारखंड के लोगों को तीन कमरों का आवास दे कर उनके सपनों का घर बनवाने का काम करेंगे.
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