रांची(RANCHI): झारखंड के कई जिलों में दवा आरोपी का के भंडारण और उनके उपयोग को लेकर लापरवाही की खबरें अक्सर आती रहती हैं.सरकारी अस्पतालों में दवा और टीका के प्रयोग संबंधी जानकारी सही तरीके से उपलब्ध नहीं रहती है.एक्सपायर की दवा या वैक्सीन को जैसे-तैसे निस्तारित कर दिया जाता है. स्वास्थ्य विभाग ने समीक्षा के दौरान यह पाया है कि कई जिलों में इस तरह की लापरवाही हुई है जो गंभीर प्रकृति की है.
दवा और टीके के उपयोग और निष्प्रयोजन की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश
इस लापरवाही के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के सिविल सर्जन से पूरी रिपोर्ट मांगी है. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने पत्र लिखकर अप्रैल 2022 से लेकर मार्च 2023 तक दवा और टीके के उपयोग और निष्प्रयोजन की जानकारी उपलब्ध कराने का कड़ा निर्देश दिया है. यह कहा गया है कि भारत सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार जितनी भी दवाइयां और वैक्सीन झारखंड को उपलब्ध कराए गए उनका विवरण पुख्ता तौर पर उपलब्ध होना चाहिए.
30 अप्रैल तक पूरी जानकारी देनी होगी
झारखंड के स्वास्थ्य विभाग सभी सिविल सर्जन को भारत सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार सभी जानकारियां विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया है. 30 अप्रैल तक पूरी जानकारी देने को कहा गया है. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने साफ तौर पर कहा है कि दवा और वैक्सीन के संबंध में प्रयोग और निष्प्रयोजन में लापरवाही एक गंभीर प्रशासनिक और वित्तीय अनियमितता किस श्रेणी में आती है. मालूम हो कि कई जिलों से एक्सपायर्ड दवाइयां और टीकों के प्रयोग और उनके निस्तारण में गंभीर अनियमितता बरती गई है. संभव है ऐसी लापरवाही अगर साबित हो जाती है तो वैसे पदाधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है.
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