धनबाद(DHANBAD): झारखंड के हजारीबाग में धनबाद के कैदी शाहिद अंसारी ने पहले सुरक्षा में तैनात हवलदार पर रॉड से हमला किया. फिर स्लाइन चढ़ाने वाली पाइप से गला घोट कर हत्या कर दी. हत्या के बाद वह हवलदार की जेब से चाबी निकाली और हथकड़ी खोलकर फरार हो गया. सीसीटीवी फुटेज में शाहिद आई हॉस्पिटल तक पैदल जाते दिखा है. उसके बाद की फुटेज में वह नहीं दिख रहा है. आशंका व्यक्त की जा रही है कि उसके बाद उसके साथी वहां में लेकर फरार हो गए. शाहिद जब भाग रहा था तब बरामदे में सोए दिव्यांग मरीज ने उसे देखा और वार्ड बॉय को सूचना दी .नर्स और वार्ड बॉय ने बाहर भी झांक कर देखा , पर दोनों को कुछ समझ में नहीं आया.
हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कैदी शाहिद अंसारी धनबाद के सुदाम डीह का रहने वाला है .यह घटना उसने रविवार आधी रात के करीब की लेकिन पुलिस को घटना की जानकारी सोमवार की सुबह मिली. धनबाद जेल से उसे हजारीबाग शिफ्ट किया गया था. धनबाद के सुदाम डीह में स्कूल से घर लौट रही छात्रा के साथ जंगल में सामूहिक दुष्कर्म करने वाला शाहिद जब 2018 में जेल से बाहर आया तो उसने पड़ोस में रहने वाली वृद्ध सिख महिला से जेवर लूटने के दौरान उनकी हत्या कर दी थी. अदालत ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी. यह भी पता चला है कि मृत हवलदार चौहान हेंब्रम गिरिडीह के पीरटांड़ के रहने वाले थे.
फरार कैदी की गिरफ्तारी के लिए एस आई टी का गठन
इधर पूरे मामले की जांच और फरार कैदी की गिरफ्तारी के लिए एस आई टी का गठन किया गया है. जानकारी तो यह भी मिल रही है कि शाहिद अंसारी की मां उससे मिलने दो-तीन बार हजारीबाग गई थी. इस दौरान मां ने उसे मोबाइल और सिम भी दिए थे. वैसे हवलदार की हत्या के बाद फरार शाहिद की तलाश में टीम ने चासनाला साउथ कॉलोनी स्थित उसके घर पर छापेमारी की है. घर वालों से पूछताछ भी की है. पुलिस टीम शाहिद अंसारी की मां से जानना चाह रही है कि मुलाकात के दौरान शाहिद ने उससे क्या कहा था. पुलिस मान रही है कि बेटे की फरारी की जानकारी मां को है. जिसे वह छिपा रही है. वैसे सोमवार की शाम एस आई टी ने छापेमारी की थी. उसके पहले सुबह में पाथर डीह पुलिस ने भी शाहिद के आवास पर छापेमारी की थी. बारीकी से तलाशी हुई थी पर पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा.
इन दो मामलों में है मिली थी सजा
शाहिद अंसारी को दो मामलों में सजा मिली थी. पहला मामला 15 अगस्त 2017 को स्वतंत्रता दिवस के दिन नाबालिक छात्रा स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेकर सहेलियों के साथ घर लौट रही थी. शाहिद अपने दो नाबालिक सहयोगियों के साथ हथियार के बल पर छात्रा को अगवा कर लिया था .उसे जंगल में ले गया, जहां तीनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद चेहरे को पत्थर से कुचलने के बाद डंपिंग यार्ड में फेंक दिया था. घटना के बाद नाबालिक की आवाज चली गई थी. काफी इलाज के बाद आवाज वापस लौटी थी.मामले में धनबाद न्यायालय से उसे सजा हुई थी.
दूसरा मामला 13 दिसंबर 2018 का है. शाहिद लूट की नीयत से पड़ोस के घर में घुसा था. घर में वृद्ध अकेली थी. शाहिद को उसने पहचान लिया. इसके बाद शाहिद ने महिला की गला घोट कर हत्या कर दी थी. इसके बाद शव को घर के अंदर पानी टंकी में डालकर पत्थर से दबा दिया था. घटना को लेकर पाथर डीह थाने में मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में उसे उम्र कैद की सजा हुई थी. शाहिद अपने शरीर के दाहिने हिस्से में झनझनाहट का इलाज एम्स में कराने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया था. 18 दिनों से वहां इलाजरत था. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर को कोई बीमारी नहीं दिखाई दी तो एमआरआई जांच भी कराई गई. उसमें भी कोई बीमारी नहीं पाई गई. इसके बाद मेडिकल बोर्ड ने शनिवार को रिम्स रेफर कर दिया. रिम्स जाने से पहले उसने इस घटना को अंजाम दिया. अस्पताल में वह लाठी के सहारे चलने का बहाना कर रहा था. लेकिन हवलदार की हत्या करने के बाद जब वह भागा तो बिल्कुल ठीक-ठाक दिख रहा था.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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