धनबाद(DHANBAD) | गोबर की लकड़ी ,यह आपको सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लग रहा होगा लेकिन है बिल्कुल सच. हरियाणा से धनबाद आई मशीन गोबर से लकड़ी बना रही है. यह लकड़ी 16 आने शुद्ध और पवित्र है. छठ महापर्व को लेकर लोग उत्साहित रहते है. जिनके यहां महापर्व होता है , वह तो तैयारी में व्यस्त रहते ही हैं, जिनके यहां महापर्व नहीं होता, वह भी अपना कुछ ना कुछ योगदान इस महापर्व में जरूर करते है. यह सदियों से चली आ रही परंपरा है. इसका निर्वहन युवा वर्ग भी कर रहा है और व्रतधारियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो ,इसके लिए यह वर्ग सक्रिय और तत्पर रहता है. छठ पर्व में आम की लकड़ी की खपत अधिक होती है. आम की लकड़ी को शुद्ध माना जाता है. इसलिए लोग महापर्व का प्रसाद आम की लकड़ी पर ही बनाते है.
आम की लकड़ी मिलने में हो रही परेशानी
लेकिन पेड़ों की कटाई की वजह से एक तो लकड़ी आसानी से मिलती नहीं और मिलती भी है तो सबका पॉकेट अनुमति नहीं देता. इस स्थिति को भांपते हुए भूली सी ब्लॉक के युवकों ने योजना बनाई. हरियाणा से मशीन मंगवाया और गोबर से लकड़ी तैयार किया. इस लकड़ी का वितरण ब्रतियो को घर-घर जाकर किया गया. युवाओं की टोली ने गोबर की लकड़ी की कम से कम 600 थैलियां घर -घर जाकर निशुल्क वितरण किया. युवकों की टोली का कहना है कि 3 महीना पहले से ही उन लोगों ने तैयारी शुरू कर दी थी और महापर्व आते-आते उनकी तैयारी पूरी हो गई. जितना बन सका, हर घर जाकर गोबर की लकड़ी का वितरण किया. यह एक अच्छी पहल है. गोबर से दीया बनाने, गोबर से धूप बनाने का काम तो एकल अभियान की ओर से किया जा रहा है, लेकिन भूली के लड़कों ने गोबर से लकड़ी बनाकर महापर्व के ब्रतियो को सहूलियत दी है. उनके इस प्रयास की सराहना जा रही है.
धनबाद से संतोष की रिपोर्ट
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