देवघर(DEOGHAR): रविवार रात्रि 10 बजकर 40 मिनट में होलिका दहन के बाद देवघर के बाबा मंदिर में रात्रि 11.20 बजे हरि और हर मिलन हुआ. हरि हर का मिलन के साथ ही बाबा बैद्यनाथ का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. हरिहर मिलन के समय पवित्र ज्योर्तिलिंग पर अबीर गुलाल की बौछार शुरू होने के साथ ही बाबानगरी देवघर में होली शुरू हो गई.
अद्भुत मिलन के साक्षी बने कई लोग
देवघर में होली के अवसर पर हरि-हर मिलन का खास महत्व है. जानकारो की मानें तो होलिका दहन के ठीक बाद हरि ने वेष बदल रावण के हाथ से पवित्र शिवलिंग लेकर अपने हाथो यहां स्थापित किया था और तभी हरि यानी विष्णु और हर यानी महादेव का अदभूत मिलन हुआ था. होली के अवसर पर हरि-हर मिलन की परंपरा तभी से चली आ रही है. परंपरा के अनुसार एक खास मुर्हूत पर रविवार के दोपहर बाद हरि को पालकी पर बैठा कर पहले बाबा मंदिर प्रांगण लाया गया फिर शहर का भ्रमण कराते हुए रात्रि 11.20 में बाबा मंदिर लाया गया और फिर पवित्र द्वादश ज्योर्तिलिंग के समीप रख कर हरि और हर को अबीर-गुलाल से सरोबर किया गया. हरि-हर मिलन के इस अद्भूत दृश्य को देखने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी. हरि के हाथों ज्योर्तिलिंग की स्थापना करने के कारण प्रति वर्ष इसी दिन बाबा बैद्यनाथ का स्थापना दिवस मनाया जाता है. बाबा मंदिर में कृष्ण के रूप में विष्णु विराजमान है. हरिहर मिलन के समय श्रद्धालुओं द्वारा गर्भगृह में ही जमकर अबीर गुलाल उड़ाया और दोनो को इससे सरोबर कर दिया. इसके बाद से यहाँ होली शुरू हो जाती है.
रिपोर्ट: ऋतुराज सिन्हा
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