रांची(RANCHI): होली का त्योहार है,हर ओर रंग अबीर गुलाल उड़ रहे है.फगुआ गीत पर लोग ठुमकते दिख रहे है. पूरे धरती से लेकर गगन तक फगुआ गीत की धुन सुनाई दे रही है. लेकिन झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के घर एक अलग सा सन्नाटा पसरा हुआ है. पत्नी कल्पना मायूस बैठी है, तो बच्चे भी पापा को याद कर फुट फुट कर रो रहे है.किसी तरह कल्पना सोरेन बच्चों को समझा कर शांत कर रही है. दरअसल यह पहला मौका है जब हेमंत सोरेन अपने परिवार के साथ मौजूद नहीं है. यह होली हेमंत की जेल में बीत रही है.
हेमंत सोरेन जब घर पर होते थे तो हर होली में एक अलग का उत्साह घर के लोगों में होता था.बच्चों के लिए कई तरह की पिचकारी मांगते थे.होली की सुबह अपने घर पर ही खूब मस्ती बच्चों के संग करते थे.पिता गरीब हो या अमीर सीएम हो या आम आदमी पिता तो पिता होता है. अपने दोनों बच्चों के संग खूब मजा होली में हेमंत सोरेन करते थे.कभी मुखौटा लगा कर बच्चों को धप्पा बोलना तो कभी गोद में उठा कर प्यार करना. आज यही सब बातों को बच्चे याद कर रहे है. माँ से पूछ रहे है की पापा कब आएंगे.
बच्चों के इस सवाल से कल्पना भी भावुक हो रही है. किसी तरह से बच्चों को समझा रही है कि पापा जल्द लौट जाएंगे. कल्पना सोरेन भी पति हेमंत सोरेन को याद कर मायूस है. लेकिन एक मजबूत और साहसी महिला कल्पना सोरेन है. यही कारण है कि कल्पना अपने आँसू को किसी तरह रोक कर रही है. ऐसे हालत के बावजूद खुद घर से निकल कर चुनावी तैयारियों में लगी.अब कल्पना सोरेन हेमंत सोरेन के इंसाफ की लड़ाई जनता की अदालत में लड़ने की बात बोल चुकी है.
बता दे कि हेमंत सोरेन की शादी के बाद यह साल पहला साल है जब होली,पत्नि का जन्म दिन,शादी की सालगिरह में हेमंत सोरेन अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मौजूद नहीं रहे है. सभी मौके पर कल्पना ने भावुक पोस्ट भी लिख कर अपने दर्द को साझा किया है. साथ ही जनता को अपना परिवार बताया है.और हर सुख दुख में जनता के बीच रहने की बात कही है.
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