अमन सिंह गैंग के हार्डकोर ने 21 महीने बाद किया कोर्ट में सरेंडर, जानिए किन मामलों में पुलिस कर रही थी खोज


धनबाद (DHANBAD) : अमन सिंह गैंग का हार्डकोर अमर रवानी 21 महीने के बाद बच बचाकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. पुलिस फाइल में उसकी पहचान अमन सिंह गिरोह के हार्डकोर अपराधी के रूप में दर्ज है. 21 महीने से वह पुलिस को छका रहा था. केंदुआडीह सहित अन्य थानों की पुलिस लगातार बसेरिया निवासी अमर रवानी को तलाश रही थी. धनबाद से लेकर यूपी तक उसके संभावित ठिकानों पर छापेमारी चल रही थी. नया बाजार के जमीन कारोबारी लाला की हत्या में किंगपिन की भूमिका निभाने का आरोप अमर रवानी पर है. वासेपुर की जब्बार मस्जिद के पास दिनदहाड़े अपराधियों ने 12 मई 2021 को लाला खान की गोली मारकर हत्या कर दी थी. लाला हत्याकांड में गिरफ्तार शूटर राजकुमार ठाकुर ने खुलासा किया था कि अमर रवानी ने ही उसे और पूनम पासवान को लाला की हत्या की सुपारी दी थी.
पुलिस को थोड़ी राहत
अमर रवानी का नाम भागा निवासी टायर शोरूम मालिक रंजीत साव और कतरास के नीरज तिवारी की हत्या में भी आया था. अमर रवानी के आत्मसमर्पण करने के बाद पुलिस को जरूर थोड़ी राहत मिली होगी. कई थानों की पुलिस अमर रवानी को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. कहा जाता है कि अमन सिंह के दाहिना हाथ आशीष रंजन उर्फ छोटू के साथ वह साए की तरह रहता था. रंजीत साव और नीरज तिवारी की हत्या में वह आशीष रंजन के साथ था. फरारी के समय में भी वह आशीष के साथ ही रह रहा था. बोकारो में हुई छापामारी में आशीष और वह भाग निकला था. लाला की हत्या के बाद लोयाबाद से दोनों साथ साथ भागे थे .आशीष रंजन के संबंध में भी अमर कोई ठोस जानकारी पुलिस को दे सकता है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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