गुमला(GUMLA): गुमला जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट की समस्याएं तो आए दिन देखने को मिलती है, लेकिन गुमला का एक गांव ऐसा भी है, जहां पानी और अन्य सुविधाओं के अभाव में महिलाओं ने गांव छोड़ने का मन बना लिया है.आज के समय में ऐसी स्थिति होना निश्चित रूप से सरकार और सिस्टम के लिए काफी शर्मशार करनेवाला है. गुमला जिले के नगर पंचायत स्थित मेरंगबिरा नागेशिया टोली गांव में पेयजल की समस्या काफी गंभीर हो गई है. ग्रामीणों ने इसको लेकर बैठक की. महिलाएं पानी की कमी से काफी परेशान और आक्रोशित है और गांव छोड़ने की तैयारी कर रही है.
पानी की कमी से महिलाओं का जीवन कष्टमय हो गया है
महिलाओं का स्पष्ट कहना है कि उनके जीवन की सबसे बड़ी समस्या पानी की समस्या है.गांव के लोग पानी के अभाव में लगातार इधर-उधर भटकने का मजबूर है. कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाने के बावजूद भी किसी ने उनकी समस्या के समाधान को लेकर पहला नहीं की. ऐसे में महिलाओं को लग रहा है कि उनका जीवन काफी कष्टमय हो गया है और इस परिस्थिति में वह गांव छोड़ने की योजना बना रहे हैं.इन तमाम विषयों को लेकर कई बार ग्रामीणों ने बैठक करके जिला प्रशासन को अपनी समस्या से अवगत कराया बावजूद इसके प्रशासन की ओर से कभी भी इस मामले को लेकर का गंभीरता से नहीं लिया गया, जिसका परिणाम है कि आज भी महिलाओं को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है.
महिलाओं को गांव से दो ढाई किलोमीटर दूर जाकर पानी लाना पड़ता है
गांव की स्थिति ऐसी हो गई है कि गांव में अधिकांश चपाकल खराब पड़े हुए हैं, जिसकी वजह से लोगों को सही रूप से पानी नहीं मिल पाता है. वही एक चापाकल है भी तो उसमे सोलर पेयजल व्यवस्था लगा दी गई है, जो लंबे समय से खराब पड़ा हुआ है.ऐसे में इससे पानी तो नहीं निकलता है.महिलाओं का कहना है कि गांव के चापाकल में लगभग 10 साल पहले सोलर टंकी लगाया गया था. दो-तीन साल तक तो वह ठीक था,लेकिन उसके बाद वह खराब हो गया. इसके बाद उन्हें पानी की दिक्कत होने लगी.अब वहां से पानी नहीं निकलता है.अभी समस्या यह है कि उन लोगों को दूसरे गांव से दो ढाई किलोमीटर दूर जाकर पानी लाना पड़ता है, जो उनके लिए काफी पीड़ादायक है क्योंकि पानी लाने का कार्य महिलाएं ही करती हैं.इसको लेकर महिलाएं गांव के पुरुषों से भी नाराज है और महिलाओं का कहना है कि अगर जल्दी ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे लोग गांव छोड़कर चली जाएंगी. ताकि पुरुष पानी की समस्या को समझे और उसका समाधान निकालने का प्रयास करें. ग्रामीणों ने प्रशासन से पेयजल की समस्या का समाधान निकालने की गुहार लगाई है.
पेयजल मंत्री मिथलेश ठाकुर लोगों की समस्या को लेकर नहीं है गंभीर-ग्रामीण
झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर अपने शासनकाल में हर गांव में पीने की पानी की व्यवस्था करने के दावे से कभी भी पीछे नहीं हटते हैं लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा गुमला जैसे आदिवासी बहुत इलाके में जहां से तीनों विधायक जीत कर झारखंड मुक्ति मोर्चा के सरकार के शामिल हैं बावजूद इसके गुमला जैसे आदिवासी बहुल में पानी की जो समस्या सामने आ रही है वह निश्चित रूप से सिस्टम और व्यवस्था पर बहुत बड़ा तमाचा लगा रही है. सबसे दुर्भाग्य की बात यह है कि सुबे के जो पेयजल आपूर्ति मंत्री मिथलेश ठाकुर है आज तक कभी उन्होंने गुमला जिला के जल संकट को लेकर गुमला जिला का दौरा नहीं किया.
रिपोर्ट-सुशील कुमार
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