गुमला(GUMLA):आज के समय मे पढ़ाई करनेवाले युवक युवतियों में बढ़ते तनाव के माहौल को कम करने के उद्देश्य से जिला में एक विशेष पहल की जा रही है, जहां स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षकों के साथ ही जिला के प्रशासनिक पदाधिकारी अपर समाहर्ता सुधीर कुमार गुप्ता कई तरह की जानकारी दे रहे है. हाल के दिनों में कोटा में पढ़ाई करने वाले बच्चों द्वारा आत्महत्या की घटना को अंजाम देकर मानसिक तनाव में होने की बात की साबित किया गया है. जिसके बाद पूरे देश के स्तर पर यह चिंता का विषय बना हुआ है कि आखिरकार अपने देश के भविष्य बनने वाले बच्चों को मानसिक तनाव से कैसे मुक्त किया जा सकता है.
9वीं, 10वीं 11वीं और 12 के छात्रों का विशेष रूप से काउंसलिंग की जा रही है
वहीं इसको लेकर गुमला जिला में भी विशेष रूप से पहल की जा रही है.जहां 9वीं, 10वीं 11वीं और 12 के छात्रों का विशेष रूप से काउंसलिंग की जा रही है. जिला के अपर समाहर्ता ने इसी को लेकर बच्चों का क्लास लिया. जिसमें सबसे पहले बच्चों को अपने दिनचर्या को सही करने की बात कही,सुबह समय से उठकर शरीर को फिट रखने के लिए योग सहित अन्य व्यायाम करने की सलाह दी, साथ ही सफलता के लिए केवल सही रास्ते पर चलने की बात कही. उन्होंने कहा कि अपने जीवन मे अगर आप गलत आदतों से दूर है तो आप सफल माने जाते है.
काउंसलिंग क्लास में बच्चे भी काफी उत्साहित दिखे
वहीं मानसिक तनाव को कम करने के लिए प्रशासनिक पदाधिकारी द्वारा लिए जाने वाले इस काउंसलिंग क्लास में बच्चे भी काफी उत्साहित दिखे. कई तरह के सवालों को पूछ कर बच्चों ने अपने मानसिक तनाव को कम करने की कोशिश की,बच्चों ने भी इस बात को स्पष्ट कहा कि जीवन में सफल होने का मतलब यह नहीं है कि आप नौकरी प्राप्त करें, आपके जीवन के रास्ते अगर सही हैं और आप बुरी आदतों से अगर अलग है, तो निश्चित रूप से आपको सफल माना जा सकता है, ऐसे में प्रशासनिक पदाधिकारी द्वारा बताए गए कई बातों को बच्चों ने काफी गंभीरता से लिया.
प्रशासनिक पदाधिकारी अपने अनुभवों को शेयर करते हैं, तो बच्चों पर सीधा प्रभाव पड़ता है
वहीं बच्चों ने भी माना कि निश्चित रूप से अपने जीवन की दिनचर्या को उन्हें ठीक करने की आवश्यकता है. क्योंकि दिनचर्या सही नहीं होने के कारण उन्हें कई काम को करने में तनाव महसूस होती है ,साथ ही साथ जब उनका परीक्षा आता है तो उस समय मानसिक दबाव में हुए रहते हैं लेकिन जिस तरह से प्रशासनिक पदाधिकारी ने बताया कि नियमित रूप से अगर आप अपनी पढ़ाई लिखाई को करते हैं, तो निश्चित रूप से परीक्षा के समय भी आपको तनाव का एहसास नहीं होगा और आप जीवन में उसे मुकाम को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं, जिसे आप लक्ष्य बनाकर चल रहे हैं.प्रशासनिक पदाधिकारी द्वारा बताई गई बातों को लेकर युवक युवतियों में जिस तरह का उत्साह देखने को मिला वह निश्चित इस बात की ओर इशारा करता है कि बच्चों के बीच में प्रशासनिक पदाधिकारी अगर अपने अनुभवों को शेयर करते हैं तो उसका सीधा प्रभाव उनके दिमाग पर पड़ता है, जिसके बाद उनके दिमाग में सकारात्मक भाव बनती है. और नकारात्मक भाव का नाश होता है. और उनका मानसिक तनाव है वह भी काफी कम होता है.
काउंसलिंग करके बच्चों के मानसिक तनाव को कम करने की कोशिश
बच्चों के बीच बनने वाले मानसिक तनाव को लेकर स्कूलों में शिक्षकों के द्वारा और अन्य साधनों के द्वारा तो कहीं ना कहीं काउंसलिंग करके बच्चों के मानसिक तनाव को कम करने की कोशिश की ही जाती है, लेकिन प्रशासनिक पदाधिकारी द्वारा की जाने वाली पल को विद्यालय प्रबंधन भी काफी सराहनीय मानता है. विद्यालय के प्रिंसिपल का स्पष्ट मानना है कि निश्चित रूप से जिस तरह से प्रशासनिक पदाधिकारी एक कड़ी मेहनत के बाद उसे मुकाम पर पहुंचे हैं, इसलिए वह इस बात को भली-भांति समझ सकते हैं पढ़ाई के दौरान किस तरह से बच्चों में मानसिक तनाव की स्थिति बन जाती है. ऐसे में उनके द्वारा जो बातें बताई जाती है वह न केवल एक संदेश होता है व्यावहारिक बातें होती है जिसका सीधा प्रभाव बच्चों पर पड़ता है और जिसके कारण बच्चों को मानसिक तनाव से निकलकर अपने जीवन को एक खुशीपूर्ण माहौल में जीने का रास्ता मिल जाता है.
सही गाइडलाइन से बच्चों को तनाव से मुक्ति मिलेगी
वहीं स्थानीय जिला भूमि सरक्षण विभाग के अभियंता आशीष प्रताप भी मानते है कि निश्चित रूप से आज की युवा पीढ़ी में तनाव की समस्या लगातार देखने को मिल रही है जिसके कारण कई बार ऐसी घटना को युवा अंजाम दे देते है जिससे उनका पूरा परिवार दुखो में डूब जाता है उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में प्रतियोगता परीक्षा पास कर वे लोग भी नौकरी में आये है उन्हें भी तनाव की समझ है लेकिन सही गाइडलाइन के कारण उन्होंने ना केवल तनाव से मुक्ति पायी है,बल्कि जीवन को सफल बनाया है ऐसे में युवाओ को तनाव से मुक्त रखने की आवश्यकता है वहीं एक अभिभावक दीपक कुमार की माने तो बच्चों पर बहुत ज्यादा तनाव ना देकर उन्हें केवल गलत रास्ते से बचाने की आवश्यकता है.
काउंसलिंग क्लासों से बच्चों के अंदर की नकारात्मक भावनाएं होती हैं खत्म
इस तरह के काउंसलिंग क्लासों की विशेष रूप से आज के समय में आवश्यकता है क्योंकि जिस तरह से कंपटीशन का माहौल बन रहा है और सभी बच्चों का मन सेटअप एक लेवल का नहीं होता है वैसे में बच्चों में मानसिक तनाव बना स्वाभाविक है लेकिन इस तरह के काउंसलिंग क्लासों के माध्यम से न केवल बच्चों के अंदर की नकारात्मक भावनाएं खत्म हो जाती है बल्कि उनके अंदर एक सकारात्मक प्रतियोगिता में शामिल होने की भावना बनती है जो निश्चित रूप से उन्हें उसे मुकाम को प्राप्त करने में सरल रास्ते की ओर ले जाती है जो उनके जीवन का लक्ष्य होता है.
रिपोर्ट-सुशील कुमार
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