टीएनपी डेस्क(TNP DESK): आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10% का आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की EWS आरक्षण संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है. जस्टिस माहेश्वरी आरक्षण के समर्थन में हैं. जस्टिस बेला त्रिवेदी ने जस्टिस माहेश्वरी का इस मामले में समर्थन किया. पांच में से तीन जज आरक्षण के पक्ष में हैं. सुप्रीम कोर्ट का यह महत्वपूर्ण फैसला आ गया है. आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग जो सवर्ण जाति के हैं,उन्हें आरक्षण का लाभ मिलता रहेगा. 2019 में 103 वें संविधान संशोधन विधेयक को सही माना गया है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के तीन जजों ने आरक्षण को सही माना है.
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