रांची - झारखंड में नई सरकार बन गई है. हेमंत सोरेन की जगह चंपई सोरेन मुख्यमंत्री बन गए हैं. उन्होंने काम काज संभाल लिया है. उनके साथ आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता भी मंत्री नियुक्त किए गए हैं. शुक्रवार दोपहर राज भवन में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ है जिसमें कुछ चुनिंदा लोग शामिल हुए.
विशेष सत्र बुलाने का मतलब समझिए
नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद कैबिनेट की बैठक प्रोजेक्ट भवन में हुई जहां मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट ने तीन प्रस्ताव पारित किया. उनमें से एक प्रस्ताव झारखंड विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आहूत करने का शामिल है. इसके अलावा हेमंत सरकार के दौरान 9 फरवरी से प्रस्तावित बजट सत्र को विलोपित कर दिया गया है यानी यह बजट सत्र नहीं होगा. राज्य की चंपई सोरेन सरकार इस संबंध में नया प्रस्ताव लाएगी.
राज्यपाल विधानसभा के विशेष सत्र में क्या करेंगे, जानिए
5 फरवरी को शुरू हो रहे दो दिवसीय झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र को आहूत किया गया है. राज्य की नई सरकार ने यह विशेष सत्र बुलाया है जिसमें सरकार को अपना बहुमत साबित करना है. 5 फरवरी को ही बहुमत साबित किया जाएगा.
इसके अलावा राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन इस विशेष सत्र को संबोधित करेंगे. राज्यपाल सचिवालय ने विशेष सत्र बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस संबंध में प्रावधान को जानिए. झारखंड विधानसभा को संबोधित करने की नौबत क्यों आई है. चंपई सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में नई सरकार बनी है. संवैधानिक प्रावधान के अनुसार जब नई सरकार बनती है तो उसके प्रथम सत्र को राज्यपाल संबोधित करते हैं और नई सरकार के कामकाज का रोड मैप पेश करते हैं.
इसके अलावा किसी भी कैलेंडर वर्ष में आहूत होने वाले विधानसभा के सत्र को भी राज्यपाल संबोधित करते हैं. सामान्य रूप से जनवरी से शुरू होने वाले कैलेंडर वर्ष का पहला सत्र बजट सत्र होता है. इसलिए बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल सदन को संबोधित करते हैं. इसलिए 5 फरवरी से शुरू हो रहे दो दिवसीय विशेष सत्र को राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन संबोधित करेंगे. सरकार ने निर्णय लिया है कि 5 फरवरी को ही वह सदन में बहुमत साबित करेगी.चंपई सरकार को पर्याप्त बहुमत है इसमें कोई संदेह नहीं यह सरकार सदन में जीत जाएगी.
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