स्थानीय नीति, ओबीसी आरक्षण और मॉब लिंचिंग विधेयक फिर से सदन में लाएगी सरकार, पढ़े पूरी खबर


रांची (RANCHI) : झारखण्ड के तत्कालीन राज्यपाल द्वारा "स्थानीय व्यक्तियों की झारखण्ड परिभाषा और ऐसे स्थानीय व्यक्तियों को परिणामी, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभ प्रदान करने के लिए विधेयक, 2022", भीड़ हिंसा और मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक, 2021 एवं पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा 27 प्रतिशत करने संबंधी विधेयक को वापस करने के बाद राज्य सरकार फिर से इस विषय की गंभीरता को देखते हुए विधेयक को विधानसभा के पटल पर रखने की योजना पर कार्य कर रही है.
इसके लिए राज्यपाल सचिवालय द्वारा लौटाये गये उक्त विधेयक को भारत के संविधान के अनुच्छेद 200 और झारखण्ड विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियम–98 (1) के तहत राज्यपाल के संदेश के साथ राज्य सरकार एवं विधानसभा को उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध राज्यपाल सचिवालय से किया है.
राज्यपाल सचिवालय से लौटाए गए बिल की मांगी कॉपी
विधानसभा से पारित किसी भी विधेयक पर राज्यपाल की सहमति हेतु राज्य सरकार द्वारा राज्यपाल सचिवालय को भेजा जाता है. विधेयक पर राज्यपाल की सहमति या असहमति होने पर राज्यपाल द्वारा उक्त विधेयक को लेकर एक संदेश भी संलग्न रहता है. लेकिन वापस किए गए उपरोक्त विधेयक में राज्यपाल सचिवालय द्वारा संदेश संलग्न नहीं किया गया है. राज्य सरकार इन विधेयकों को फिर से विधानसभा में लाने के लिए कार्य कर रही है. साथ ही राज्यपाल सचिवालय से उक्त संदेश को उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है. ताकि सरकार पूरी मजबूती के साथ जनहित के इन विधेयकों को फिर से विधानसभा के पटल पर लाया जा सके.
रिपोर्ट. समीर हुसैन
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