रांची(RANCHI): झारखंड पहाड़ और झरनों वाला राज्य है. हर शहर में एक से बढ़ कर एक उचे झरने और पहाड़ी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. बावजूद पर्यटको की कमी देखने को मिलती है. लेकिन बिहार में सरकार ने जिस तरह से पहाड़ी इलाके को डेवलप किया. पहाड़ के बीच ग्लास ब्रिज से लेकर रूप वे का निर्माण करा कर देश में अलग पहचान बना लिया. हर कोई राजगीर जाने की चाहत रखता है. लेकिन अब झारखंड में भी ब्रिज और रूप वे बनाने की तैयारी है.
इसे लेकर हेमंत के मंत्री सुदिव्य सोनू राजगीर पहुंच कर राजगीर प्रोजेक्ट को करीब से देखा है. साथ ही मंत्री ने इसकी इंजीनियरिंग से लेकर बजट के बारे में समझा है. आखिर क्या जिस तकनीक से राजगीर में ब्रिज का निर्माण किया गया है. वह तकनीक झारखंड में संभव हो सकता है. इस दौरान राजगीर प्रोजेक्ट के अधिकारियों के साथ भी बैठक कर एक एक बिंदुओं पर चर्चा किया है. जिस तरह की पहाड़ी झारखंड में है उस पहाड़ पर ब्रिज के साथ साथ अन्य प्रोजेक्ट लगाने में क्या कुछ किया जा सकता है. जिससे पर्यटन के क्षेत्र में झारखंड को पहचान मिल सके.
दरअसल झारखंड हेमंत सोरेन एक अलग पहचान देने की कोशिश में लगे है. जिससे देश में राज्य की एक अलग पहचान बने. जल जंगल जमीन के साथ साथ एक अलग पायदान पर झारखंड की पहचान बनाने की कोशिश है. अगर देखे तो राज्य में कई ऐसे क्षेत्र है जहां का मनोरम दृश्य लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. झारखंड में पहाड़ों से गिरने वाले झरने भी खूब है. लेकिन राजगीर के तर्ज पर जब इसे अलग पहचान देने की कोशिश है.
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