विद्यालय में पानी को लेकर छात्राओं ने किया था हंगामा, वार्डन की लापरवाही आई सामने, हुई निलंबित


दुमका (DUMKA) : दुमका में दो दिन पहले कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की छात्राओं ने पानी की किल्लत को लेकर जोरदार हंगामा किया था. विद्यालय की छात्राएं 3 दिनों तक बूंद बूंद पानी के लिए तरसती रही. लेकिन कोई उनकी बदहाली सुनने वाला नहीं था. छात्राओं ने वार्डन पर लापरवाही का आरोप लगाया था. हंगामे की सूचना जब शिकारीपाड़ा बीडीओ संतोष कुमार चौधरी को मिली, तो वह कस्तूरबा विद्यालय पहुंचे. तात्कालिक समाधान के लिए एक टैंकर पानी मंगाया गया. जिसके बाद बीडीओ ने पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट वरीय अधिकारी को प्रेषित किया. जिस पर कार्यवाही करते हुए उपायुक्त रविशंकर शुक्ला के आदेश पर वार्डन स्टेनशीला सोरेन को हटा दिया गया है. दरअसल, बीडीओ द्वारा की गई जांच में स्कूल की वार्डन स्तेनशीला सोरेन की लापरवाही सामने आई थी. स्कूल का मोटर खराब था और एक मोटर खराब होने पर 3 दिनों तक उसकी मरम्मती के लिए वार्डन के तरफ से कोई पहल नहीं किया गया था. जो उसके कार्य के प्रति उनकी लापरवाही को दर्शाता है. जिसके आधार पर उसे हटाया दिया गया है.
वार्डन ने की मामले को दबाने की कोशिश
एक तरफ नारा दिया जाता है बेटी बचाओ, पढ़ाओ ओढ़ाओ. बालिका की शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार हो इसको लेकर केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक कई योजनाएं चलाती है. झारखंड में ब्लॉक स्तर पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का संचालन हो रहा है. लेकिन दुमका जिला के शिकारीपाड़ा प्रखंड में संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राएं कई दिनें से परेशान थी. तीन दिनों से छात्राएं बून्द-बून्द पानी के लिए तरस गयी थी. जब सब्र का बांध टूटा तो छात्राएं स्कूल परिसर में हंगामा करने लगी. लेकिन इन छात्राओं की बात सुनने वाला विद्यालय में कोई नहीं था. वार्डन के ऊपर इसकी जिम्मेदारी है और वार्डन विद्यालय से गायब पायी गयी. हंगामा को दबाने के लिए गार्ड द्वारा कुछ छात्राओं को बाथरूम में ही बंद कर दिया गया. आरोप पीड़ित छात्राओं ने लगाया है. छात्राओं की माने तो विद्यालय को वार्डन स्टेनशील सोरेन और क्लर्क ओम प्रकाश नियमों को ताख पर रख कर अपनी मर्जी से चलाते हैं.
रिपोर्ट : पंचम झा, दुमका
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