गढ़वा(GARHWA):झारखंड में पीछले एक साल से भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ ईडी और सीबीआई की ओर से कार्रवाई की जा रही है. जिसके बाद लगातार जमीन से लेकर कई चीजों के बड़े-बड़े घोटाले सामने आ रहे है. इन भ्रष्ट अधिकारियों की लिस्ट हनुमान जी की पूछ की तरह हो गई है. जो बढ़ती ही जा रही है. लगातार झारखंड में इस भ्रष्ट अधिकारियों की माला में एक-एक मोती जुड़ते जा रहे है. जिसको देखकर ऐसा लगता है. जैसे झारखंड में अधिकारियों को राज्य और लोगों की देख-रेख के लिए नहीं बल्कि इनको लूटने के लिए सरकार नियुक्त करती है. आखिर ये खाने की जगह गरीबों जमीन और नोटों की गड्डी खाते है क्या. कि इनकी भूख इनके वेतन से नहीं मिटती है. आखिर क्यों ये लोग लोगों की सेवा की जगह उनका ही खून पीने पर उतारु है.
अंचल कार्यालय से कंप्यूटर ऑपरेटर का घूस लेने का वीडियो वायरल
दरअसल गढ़वा जिले के अंचल कार्यालय से कंप्यूटर ऑपरेटर का घूस लेते हुए वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमे साफ देखा जा सकता है. कि किस तरह किसी काम से आये एक बुजुर्ग व्यक्ति से बेशर्मी से पैसे की डिमांड की जा रही है. और पैसे लेकर जेब में रखा जा रहा है. घूस लेते हुए कंप्यूटर ऑपरेटर को मानवता तो छोड़ो उस बुजुर्ग की लाचारी भी नहीं दिख रही है. इस कंप्यूटर ऑपरेटर का नाम है अरविंद है. जो गढ़वा के मेराल प्रखंड के अंचल कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करता है.
हम इस वायरल वीडियो की पुष्टी नहीं कर रहे है
जिस तरीके से प्रखंड कार्यालय में भ्रष्टाचारी कर्मी खुलेआम घूस ले रहे है. उससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जब एक कंप्यूटर ऑपरेटर तक घूस ले रहा है. तो बड़े अधिकारी अपने पद और पावर के दम पर झारखंड और यहां के गरीब लोगों को कितना लूटते होगें. वीडियो में इसका सबूत आप देख सकते है. हालांकि हम वायरल वीडियो की पुष्टी नहीं कर रहे है. लेकिन यदि लूट भ्रष्टाचार एक इंसान की शक्ल का होता तो इस वीडियो से उसकी शक्ल मिलती जुलती होती.
हर जिले के प्रखंड के कार्यालय में लूट खसोट का नंगा नाज चल रहा है
झारखंड के हर जिले के प्रखंड के कार्यालय में लूट खसोट का नंगा नाज चल रहा है. जिसका एक छोटा सा नमूना आप इस वीडियो में देख सकते हैं. जब इसकी शिकायत वरीय पदाधिकारी को की जाती है. तो वो कार्रवाई नहीं करते है. बल्कि इसको बढ़ावा देते है. जिस तरीके से जमीन घोटाले मामले में फंसे निलंबित आईएएस छवि रंजन के मामले में ईडी ने खुलासा किया है कि हर अंचल कार्यालय से 2 लाख रुपये प्रति महीना छवि रंजन को पहुंचाया जाता था. तो सोचिये कि कार्रवाई कौन करेंगा.
स्पष्ट शब्दों में पैसे की डिमांड की जा रही है
आपको बता दे कि इस वायरल वीडियो में कंप्यूटर ऑपरेटर अरविंद स्पष्ट शब्दों में पैसे की डिमांड कर रहा है. और पैसे नहीं देने पर काम को रोकने की धमकी दे रहा है. उसे जरा भी शर्म नहीं आ रही हैं. कि जिस पैसे की वो मांग कर रहा है. उस पैसे से मजदूर का घर का चुल्हा जलता है. सरकार की ओर से इस गरीब को मनरेगा के तहत 100 दिनों का ही रोजगार दिया जाता है. उसे तो बस अपनी जेब भरने से मतलब है.
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