रांची(RANCHI): एक तरफ ईडी की टीम अभियंता वीरेन्द्र राम को रिमांड में लेकर ग्रामीण विकास विभाग में जारी ऑनलाइन टेंडर मनैजमेंट के खेल की गुत्थियों सुलझाने में जुटा है. वीरेन्द्र राम के कारनामों की कहानियां सुन-सुन कर खुद ईडी के अधिकारी भी हैरान-परेशान हैं, वहीं अब शिक्षा विभाग में टेंडर का अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है.
27 फरवरी को निविदा का प्रकाशन हुआ और 27 फरवरी ही उसकी अंतिम तिथि भी थी
दरअसल झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने 27 फरवरी को राज्य के कस्तूरबा विद्यालयों में सामाग्री की आपूर्ति करने के लिए निविदा निकाला है, मजेदार बात यह है कि निविदा को भरने की अंतिम तिथि भी 27 फरवरी ही थी. लेकिन बड़ी बात यह नहीं है, उसके भी बड़ी बात यह है कि विभाग ने निविदा जारी करने पहले ही बीओक्यू (Bill Of Quantity) भी जारी कर दिया.
एक नजर सामाग्रियों की निर्धारित दर पर भी डालें
लेकिन इसके साथ ही जब आप की नजर विभाग की ओर से जारी सामाग्री और उसके लिए निर्धारित कीमतों पर पड़ेगी, आपकी आंखें हैरत से फटी रह जायेंगी. झारखंड के 24 जिलों के 72 कस्तूरबा विद्यालयों के लिए 400 करोड़ रुपये की जारी इस निविदा में छात्राओं के लिए कुर्सी की दर प्रति कुर्सी तीस हजार निर्धारित की है, जबकि एक-एक पंखे की कीमत निर्धारित दर इक्तालीस हजार रुपये हैं, 16 वॉट की एलईडी बल्ब की कीमत बीस-बीस हजार रुपये, 20-22 वॉट की एलईडी बैटन की सप्लाई और फिक्सिंग की कीमत 54,000 रुपए होगी. जबकि विभाग को आलमीरा दो हजार रुपये प्रति पीस, प्रिंटर –स्कैनर एक-एक हजार रुपये प्रति पीस में चाहिए, जिस फिल्टर से छात्राएं पानी पीयेंगी उसकी कीमत मात्र एक-एक हजार की होगी.
jharkhandteners.gov.in पर जाकर देखें पूरी कहानी
आप भी jharkhandteners.gov.in पर जाकर इसकी पूरी सच्चाई जान सकते हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या वाकई झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की कोशिश इन छात्राओं का भविष्य संवारने की है, या झारखंड में एक नया टेंडर विवाद को आमंत्रित करने की योजना.
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