रांची (RANCHI) : पूर्व प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का मामले में भाजपा कार्रवाई की मांग कर रही है. प्रधान सचिव का किसी लाइजनर के आवास पर बैठ कर फ़ाइल निबटारा करने का वीडियो जैसे ही वॉयरल हुआ, उसके ठीक बाद सरकार से उन्हें प्रधान सचिव के हद से हटा दिया. लेकिन भाजपा इसके बाद भी इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है. इसी कड़ी में वीडियो और कुछ सबूत के कागजात लेकर गुरूवार को बाबूलाल मरांडी ईडी दफ्तर जाएंगे. ईडी के जोनल कार्यालय में भाजपा राजीव अरुण एक्का की शिकायत करेंगे.
क्या है मामला
बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने रविवार को मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का पर आरोप लगाया कि वे कथित रूप से एक लाइजनर विशाल चौधरी के कार्यालय में सरकारी फाइल निष्पादित कर रहे हैं. इस दौरान एक ऑडियो जारी किया गया जिसमें यह भी बात आई थी कि फाइल निष्पादन के लिए पैसे की मांग हो रही थी. प्रेस वार्ता में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरीय अधिकारी राजीव अरुण एक्का पर कथित रूप से भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था.
सरकार ने लिया त्वरित फैसला
सरकार ने त्वरित इस मामले में एक्शन लिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकार गठन के समय से उनके प्रधान सचिव पद पर तैनात राजीव अरुण एक्का को पद से हटा दिया है. बाबूलाल मरांडी ने वीडियो जारी करते हुए प्रेस वार्ता में कहा था कि राजीव अरुण एक्का अरगोड़ा के समीप स्थित विशाल चौधरी के कार्यालय में फाइल का निष्पादन करते हैं और वहीं संबंधित लोगों से लेन-देन का धंधा होता है. ऑडियो में साफ तौर पर देखा जा रहा है कि विशाल चौधरी के दफ्तर में काम करने वाली महिला कर्मचारी फाइल पर राजीव अरुण एक्का से सिग्नेचर करवा रही है. वहीं विशाल चौधरी की आवाज अभी इसमें रिकॉर्ड हुई है कि वह एक फाइल के लिए पैसे नहीं मिलने की बात कह रहा है.
आरोप की सत्यता से जांच के बाद लिया गया फैसला
बाबूलाल मरांडी के द्वारा लगाए गए आरोप की सत्यता की जांच की गई और सूत्र बताते हैं कि इस संबंध में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने राजीव अरुण एक्का से पूछा भी. कहा जा रहा है कि राजीव अरुण एक्का संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए. उसके बाद मुख्यमंत्री ने यह फैसला लेते हुए अपने प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का को हटाते हुए पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव पद पर तबादला हटा दिया है.
आरोप की पुष्टि
इस प्रकार बाबूलाल मरांडी द्वारा लगाए गए आरोप की फिलहाल एक तरह से पुष्टि मानी जा रही है. विशाल चौधरी सत्ता के गलियारे में कथित रूप से दलाली का काम करता रहा है. इस घटनाक्रम का परिणाम आने वाले समय में भी देखा जा सकता है. संभव है इस मामले की पूरी जांच सरकार करवाए. इसके अतिरिक्त लोग कह रहे हैं कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी आगे कार्रवाई कर सकता है.
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