दुमका (DUMKA) : पूर्व सीएम रघुवर दास ट्रेन से दुमका पहुंचे. रेलवे स्टेशन पर कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. स्टेशन से वह परिसदन पहुंचे जहां उनसे मिलने काफी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता पहुंचे थे. पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलकर पूर्व सीएम ने क्षेत्र का हालचाल जाना. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए वर्तमान राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार एक बार फिर से झारखंड की जनता को धोखा देने का काम कर रही है.
सरकार के झांसे में आ चुकी है जंता
1932 का खतियान के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि सरकार विधानसभा के माध्यम से फिर 1932 का खतियान और 27% आरक्षण का राग अलाप रही है. झारखंड की जनता 2019 में इनके झांसे में एक बार आ चुकी है. आगे कहा कि चुनाव पूर्व जेएमएम ने कहा था कि अबुआ राज्य बनाइए 3 महीने के अंदर खतियान आधारित स्थानीय नीति परिभाषित करेंगे. 3 साल बीत रहा है. 1932 का खतियान और पिछड़ा का आरक्षण इन्हें याद नहीं आया. जब ईडी सीएम के द्वार गए तो इनको सरकार आपके द्वार याद आया. 1932 का खतियान और 27% आरक्षण भी याद आ गया. उन्होंने कहा कि पूरा पिछड़ा समाज यह जान गया है कि पंचायत का आरक्षण समाप्त किया गया. नगर निगम का आरक्षण समाप्त किया गया. सरकार बहुमत में है विधानसभा से भले ही पास करा लें लेकिन किसी भी समाज को आरक्षण देने के पहले उसकी आर्थिक और सामाजिक सर्वेक्षण होता है. भारतीय जनता पार्टी 27% ओबीसी आरक्षण का पक्षधर है. उन्होंने कहा कि संथाल परगना प्रमंडल के सभी 6 जिले सहित राज्य के कुछ जिलों में पिछड़ा वर्ग का रोस्टर शून्य है. इसलिए 2019 में भाजपा की सरकार ने पिछड़ों का सर्वेक्षण की शुरुआत की थी, लेकिन वर्तमान सरकार आते ही उसे बंद कर दिया. इसलिए बिना आर्थिक, सामाजिक सर्वेक्षण किए आनन-फानन में जनता को धोखा देने के लिए विधानसभा से पास करा दिया. उन्होंने कहा कि बहुमत के आधार पर आप विधानसभा से भले ही पास करा लें लेकिन डॉ बीआर अंबेडकर द्वारा बनाए हुए संविधान में राष्ट्रपति, राज्यपाल जैसे पद हैं. जिन्हें संविधान का संरक्षक कहा जाता है. विधानसभा से पारित विधेयक विधि सम्मत है कि नहीं इसकी निगरानी राज्यपाल करते हैं. राज्यपाल के यहां ही यह टर्न आउट हो जाएगा. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जनता से अनुरोध किया कि ऐसे ठग सीएम से सावधान रहें. जेएमएम और कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती.
रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका
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