रांची(RANCHI): - झारखंड में सुरक्षाबलों का दबदबा इस तरह बढ़ा रहा है कि अब नक्सली संगठन उनके प्रहार से कराह रहे हैं. परिणाम स्वरूप नक्सली संगठन के उग्रवादी अब जान बचाने की फिक्र में लगे हुए हैं. हाल के कुछ महीनों में विभिन्न नक्सली संगठन के कई उग्रवादियों ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर समाज की मुख्यधारा में आने का निर्णय लिया है. राज्य सरकार की नई दिशा सरेंडर पॉलिसी के तहत उन्हें इसका लाभ भी मिल रहा है.
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के 10 लखिया इनामी जोनल कमांडर अमरजीत यादव उर्फ टिंगू सरेंडर करने जा रहा है. 5 लाख रुपए का इनामी सब जोनल कमांडर सहदेव यादव उर्फ लटन भी सरेंडर करेगा. सब जोनल कमांडर नीरू यादव उर्फ सलीम सब जोनल कमांडर संतोष भूइंया उर्फ शुकन के अलावा दस्ता सदस्य अशोक बैगा उर्फ अशोक परहिया पुलिस के समक्ष सरेंडर करेंगे.
पुलिस मुख्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक यानी जोनल आईजी कार्यालय, डोरंडा में इन सभी भाकपा माओवादी संगठन के नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण किया जाएगा. उन्हें सरकार की ओर से दी जाने वाली तात्कालिक सहायता दी जाएगी. सीआरपीएफ के अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहेंगे. मालूम हो कि झारखंड में नक्सलियों की कमर तोड़ने में सीआरपीएफ की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका रही है.स्थानीय पुलिस के सहयोग से उसने कई बड़े नक्सली इलाकों को उनसे मुक्त कराया है.
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