धनबाद(DHANBAD): हाजरा क्लीनिक, आशीर्वाद टावर और अब मंगलम अपार्टमेंट. शुक्रवार की देर रात को मटकुरिया स्थित मंगलम अपार्टमेंट में आग भड़क गई. गनीमत रही कि आग अपार्टमेंट की पांचवी मंजिल पर स्थित एक टेलीकॉम कंपनी के टावर में लगी. नीचे रहने वाले आग के प्रभाव से बच गए. छत पर आग की धधकती लपटों को देखकर लोगों का कलेजा मुंह को आ गया था. लोगों के दिमाग पर हाजरा क्लीनिक और आशीर्वाद टावर की घटनाएं रील बनकर दिखने लगी. आनन-फानन में लोग फ्लैट छोड़कर बाहर निकले और सड़क पर आ गए. पूरे शहर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. जिसने भी सुना, कहने लगा आखिर धनबाद में यह सब क्यों हो रहा है.
कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पाया काबू
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आग चूंकि पांचवी मंजिल पर लगी थी, इसलिए नीचे के फ्लैट के लोग धीरे-धीरे बाहर निकलते गए. घर में बुजुर्गों को भी सहारा देकर नीचे उतारा गया. लोग अपनी जान की परवाह कर फ्लैट छोड़कर सड़क पर आ गए. आग लगने की सूचना पर पहुंचे लोगों ने पहले तो खुद ही आग पर काबू पाने की कोशिश की. उसके बाद दमकल विभाग को सूचना दी गई. बैंक मोड़ पुलिस भी पहुंची. विधायक राज सिन्हा भी पहुंचे. तत्काल दमकल गाड़ियां पहुंच गई. और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. दमकल कर्मियों को भी आग पर काबू पाना कठिन हो गया था. चुकी टेलीकॉम टावर में जनरेटर भी था. वहां डीजल भी था, इसलिए दमकल कर्मियों को भी भय था कि आग और भड़क सकती है. लेकिन भगवान का शुक्र रहा कि ऐसा कुछ हुआ नहीं और दमकल कर्मियों ने जान पर खेलकर आग पर काबू पा लिया. दमकल के पहुंचने के पहले लोगों के प्रयास से इतना लाभ तो जरूर हुआ कि आग बहुत तेजी से फैली नहीं. लोग पानी डालते रहे, जिससे आग अपना विकराल रूप नहीं दिखा सकी. जो लोग फ्लैट से नीचे उतरे, वह भगवान का शुक्रिया कर रहे थे. कह रहे थे कि उनकी आंखों के सामने में जिले की पूर्व की घटनाएं दिख रही थी.
धनबाद के लोग दहशत में
मंगलम अपार्टमेंट में आग पर काबू पाने की क्या व्यवस्था थी, इसका तो पता जांच के बाद ही चलेगा. लेकिन इस घटना ने धनबाद के लोगों को एक बार फिर दहशत में डाल दिया है. बैंक मोड़ थाना क्षेत्र में ही हाजरा क्लीनिक और आशीर्वाद टावर में हुई आग लगी में 19 जाने जा चुकी है. इन दो घटनाओं के बाद बहुत सारी घोषणाएं हुई थी. मंत्री भी रांची से भागे भागे धनबाद पहुंचे थे. लेकिन उन घोषणाओं पर कोई अमल नहीं हुआ. सारी रिपोर्ट संचिकाओं में धूल फांक रही है और इधर आग की कुदृष्टि धनबाद पर लगातार बढ़ रही है. धनबाद जैसे समर्थवान जिले में यह हाल है तो प्रदेश के अन्य कमजोर जिलों में आग लगी के बाद उपाय के क्या संसाधन उपलब्ध होंगे, यह सोचने वाली बात होगी.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह
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