न हुआ उद्घाटन, ना ही शिलान्यास, धरी रह गई सारी तैयारी, चले गए मुख्यमंत्री- सरकारी राशि के दुरुपयोग का उठा सवाल


गोड्डा(GODDA): झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुधवार को गोड्डा पहुंचे. उन्हें नए समाहरणालय भवन का उद्घाटन, पुलिस लाइन समेत कुछ अन्य योजनाओं का शिलान्यास के अलावे परिसम्पतियों का वितरण करना था. वो आए जरूर, पर 40 मिनट के विलंब से, और मौजूद लोगों को संबोधित भी किया. लेकिन उद्घाटन और शिलान्यास का कार्यक्रम धरा का धरा रह गया. कॉलेज मैदान में महज़ कुछ शिलापट्ट से पर्दा हटाकर मुख्यमंत्री हेलिपैड चले गए और रांची के लिए उड़ गए.
CM के साथ संसदीय कार्य मंत्री अलमगीर आलम, महगामा और पोडैयाहाट विधायक सहित डीजीपी, डीआईजी, सचिव स्तर के लोग भी पहुंचे थे.
धरी रह गई समाहरणालय की सजावट
समाहरणालय भवन के उद्घाटन मुख्यमंत्री के हाथों कराये जाने को लेकर भवन को खूब सजाया गया था. पूरी तैयारियां की गयी थी, लाखों रूपये खर्च हुए थे, मगर मुख्यमंत्री नहीं गए मुख्य कार्यक्रम स्थल. फिर मुख्यमंत्री के जाने के बाद राजमहल सांसद विजय हांसदा, महगामा विधायक दीपिका पाण्डेय, पोडैयाहाट विधायक प्रदीप यादव सहित उपायुक्त और एसपी ने संयुक्त रूप से फीता काट नारियल फोड़कर समाहरणालय भवन का उद्घाटन किया.
पुलिस लाइन निर्माण स्थल पर भी तामझाम हुआ बेकार
सदियों के इंतजार के बाद गोड्डा जिले में पुलिस लाइन निर्माण कार्य विगत 4-5 महीने से चल रहा है. अब जब निर्माण कार्य चल ही रहा है तो शिलान्यास मुख्यमंत्री के हाथों कराये जाने का ये फैसला क्यों कर लिया गया, ये समझ से परे है. खैर पूरा तामझाम यहां भी किया गया था. मुख्यमंत्री यहां शिलान्यास करेंगे. मगर अफ़सोस यहां भी नहीं आये और सारी तैयारी बेकार हुई.
पोषण सखी व जल सहिया के लिए पैसे नहीं, खजाना खाली फिर फिजूलखर्ची क्यों की गयी
गोड्डा कॉलेज मैदान पर पहुंचे मुख्यमंत्री और कार्यक्रम शुरू हुआ तो महिलाओं का दो जत्था भी वहां अपने अधिकार को लेकर पहुंचा. एक हजार मानदेय पानी वाली जल सहिया की महिलाओं का तो दूसरी पोषण सखियों का जत्था, जिन्हें मात्र दो हजार मानदेय प्रतिमाह मिला करता था. पोषण सखियां जिन्हें वर्तमान सरकार द्वारा इसलिए काम से निकाला गया, क्योंकि केंद्र ने सहायता राशि देनी बंद की थी. वहीं जल सहिया पिछले 12 महीने के बकाये मानदेय की मांग कर रहे थे. अब सवाल ये उठता है कि जब इन अल्प मानदेय वाली महिलाओं के लिए पैसे नहीं है खजाने में देने को तो क्योंकर सरकार के राजस्व का दुरुपयोग किया गया है.
पिछले माह की 29 को आये थे मुख्यमंत्री, उस दिन भी हो सकता था कार्यक्रम !
पिछले माह की 29 तारीख को भी मुख्यमंत्री जिले के सुन्दर पहाड़ी में कार्यक्रम में आये थे तो आज के कार्यक्रम को उस दिन भी संपन्न कराया जा सकता था, या फिर 30 तारीख को हूल दिवस के दिन भी. जल्दबाजी में इस कार्यक्रम को कराये जाने के कई मायने निकाले जा रहे हैं. क्योंकि 12 तारीख को प्रधानमंत्री देवघर में एयरपोर्ट के उद्घाटन को आ रहे हैं. कहीं इसका उद्घाटन भी ऑन लाइन न हो जाए, शायद इसलिए इसको जल्दबाजी में तो नहीं करवाया गया.
रिपोर्ट: अजीत सिंह, गोड्डा
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