रांची(RANCHI): उत्पाद सिपाही दौड़ में जान गवाने वाले अभ्यर्थियों के परिजन से लगातार भाजपा नेता मुलाकात कर रहे है. चुनाव को देखते हुए सिपाही दौड़ में मौत को मुद्दा बना कर भाजपा भुनाने में लगी है. एक ओर विपक्ष राज्य सरकार पर सवाल खड़ा कर रही है तो दूसरी ओर खुद को सत्ता में आने के बाद बड़े दावे करते नेता दिख रहे है.इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी चान्हो गाँव पहुँच कर मृतक आरती के परिजनों से मुलाकात किया है. नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी के साथ समीर उरांव, गंगोत्री कुजूर, जिला अध्यक्ष विनय महतो धीरज मौजूद रहे
मौके पर परिजनों ने बताया कि आरती केरकट्टा की मौत उत्पाद सिपाही की दौड़ के बाद हो गयी. आरती ने 31 अगस्त 2024 को साहेबगंज में आयोजित उत्पाद सिपाही दौड़ में भाग लिया था. उन्होंने दौड़ तो पूरा कर लिया लेकिन वहीं उनकी तबियत खराब हो गयी. उत्पाद विभाग ने तत्काल उनका प्राथमिक इलाज करवा कर उनके परिवार के साथ रांची भेज दिया. रांची आने के बाद परिजनों ने बेहतर इलाज के लिए मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. परिजनों ने बताया कि आरती का इलाज अपने पैसे से ही करवाया गया था. सरकार के तरफ से कोई मदद नही किया गया और आज तक सरकार के तरफ से कोई जन प्रतिनिधि या अधिकारी ने सुध नही ली हैबता दें कि आरती की शादी एक वर्ष पूर्व ही हुई थी .
मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के गलत निर्णय के कारण राज्य के कई युवक युवतियों की मौत हो रही है. राज्य के युवा सरकारी नौकरी की चाहत में उमस भरी भादो की गर्मी में भी दौड़ने को मजबूर है. लेकिन राज्य सरकार और विभाग दौड़ के दौरान न तो छात्रों का मेडिकल करवाया और न ही उनके खाने पीने का प्रबंध किया. ज्यादातर छात्र दौड़ के लिए देर रात ही सेंटर पहुँचते है और अपनी बारी का इंतजार करते है.
उन्होंने कहा कि यह सरकार संवेदनहीन हो गयी है. भाजपा ने राज्य सरकार से सभी पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपया मुआवजा और किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग की है. उन्होंने साफ कहा कि यदि वर्तमान सरकार इस मांग को पूरा नही करती है तो इस बार के चुनाव के बाद जब भाजपा की सरकार आएगी तो अपनी इस मांग को सरकार गठन के तीन महीने के अंदर पूरा करेगी.
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