गुमला(GUMLA): हर घर नल योजना के तहत लोगों के घरों तक स्वच्छ जल पहुंचाने के लिए लाखों रुपए की लागत से गांव में नल जल योजना का स्ट्रक्चर बनाया गया. गुमला जिले के सिसई प्रखंड में पोढ़ा पहान टोली ग्राम के पास कोईल नदी में भी इस योजना के तहत चेक डैम इंटेक वेल और वाटर फिल्टर का निर्माण किया जा रहा है. ताकि सिसई प्रखंड के 18 पंचायत में एक-एक व्यक्ति के घर में नल लगे और पानी पहुंचे. लेकिन सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना भारी अनियमितता के कारण असफल होती नजर आ रही है.
चेक डैम टूटने से ग्रामीणों की उम्मीद पर फिरा पानी
वहीं इस मामले में ग्रामीणों ने बताया कि जब चेकडेम का निर्माण किया जा रहा था तो उसके लिए नींव नहीं खोद कर बालू को समतल करके निर्माण कार्य किया गया. नीचे छड़ भी नहीं डाला गया. चेकडेम निर्माण के समय नदी के ही बालू जिसमें मिट्टी मिला हुआ था मरे हुए पत्थरों को ढालकर ढलाई किया गया. यही नहीं उसमें चिप्स और सीमेंट की मात्रा बहुत ही कम थी. जिसका नतीजा हुआ कि जहां इस क्षेत्र में इस वर्ष नहीं के बराबर बारिश हुई है उसके बाद भी चेक डैम टूट गया.
वाटर फिल्टर भवनों में भी घटिया सामग्री का किया गया इस्तेमाल
यही नहीं ग्रामीणों ने वाटर फिल्टर भवनों में भी घटिया निर्माण का आरोप लगाया है. वहां की बाउंड्री में दरारें पड़ गई हैं पीसीसी कार्य उखड़ गए हैं. यहां तक कि जिन भवनों को ढाला गया है उसकी ढलाई इतनी घटिया है कि पानी रिसने लगा है. जिसके कारण छत के ऊपर त्रिपाल देकर पानी को चूने से रोका जा रहा है. इसके अलावा वहां बनाया जा रहे वाटर फिल्टर के पीसीसी कार्य भी बहुत घटिया है. जिसके कारण वह बनने से पहले ही टूट गया. पानी सप्लाई के लिए जो पाइप बिछाया जा रहा है उसे गांव की सड़कों में ही खोद कर बिछाया जा रहा है और उसको सही तरीके से बंद नहीं करने के कारण सड़के भी खराब हो रही है. कई अनियमितता है जिसकी गहराई से जांच करने पर कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.
शिकायत के बावजूद पदाधिकारी की ओर से नहीं किया गया निरीक्षण
वही योजना के भ्रष्टाचार के बलि चढ़ाने के बाद लोगों में काफी आक्रोश का माहौल है. ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें इस बात को लेकर काफी खुशी थी कि उनके इलाके में जो लंबे समय से पानी की समस्या चल रही है उसका समाधान हो जाएगा. लेकिन भ्रष्टाचार के कारण उनके सपने पूरी तरह से चूर-चूर होते हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि कई बार उन लोगों द्वारा सवाल उठाया गया था कि घटिया काम किया जा रहा है बावजूद इसके एजेंसी के लोगों के द्वारा ध्यान नहीं दिया गया और अंततः वही परिणाम हुआ जिसकी उन्हें आशंका थी. उन्होंने बताया कि प्रशासनिक पदाधिकारी की ओर से भी कभी भी जांच को लेकर स्थल का निरीक्षण नहीं किया जाता था. जिसके कारण लगातार काम करने वाली एजेंसी भ्रष्टाचार को करती रही और अंततः जो परिणाम है वह हमारे सामने है यह चेक दम नहीं टूटा है बल्कि उन गांव के ग्रामीणों का सपना टूट गया है जिन्होंने लंबे समय से पानी को लेकर दिक्कत जली है अब उन्हें उम्मीद थी कि शायद उनकी समस्या का समाधान होगा लेकिन जो परिस्थितियों बन रही है वह निश्चित रूप से काफी चिंताजनक है.
बहरहाल गुमला जिले में सरकारी कार्यों में किस तरह से अनियमितता बरती जा रही है और कैसा लूट मचा हुआ इसका यह बड़ा उदाहरण है और किस तरह से सरकारी बाबू और विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं? जिसके कारण यहां काम करने वाले एजेंसियां इस स्थान को चारागाह बनाकर धड़ल्ले से अनिमितताएं कर रही है और ग्रामीण विकास की बाट जोह रहा है.
रिपोर्ट: सुशील कुमार
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