Chaibasa:- झारखंड में नक्सलियों का दायरा सिकुड़ता जा रहा है, उनके दरकते-टूटते वजूद और खुद अपने ही खेंमे से छोड़कर मुख्यधारा की जिंदगी में लौटने वाले नक्सली, अब उनके अस्तित्व पर ही सवाल खड़े कर रहा है. हालांकि, इसके बावजूद उनके तेवर में कोई नरमी नहीं दिख रही है. कोल्हान वन क्षेत्र में चलने वाले यात्री और मालवाहक वाहन मालिकों और चालकों के लिए नक्सलियों ने फरमान जारी किया है. जिसमें पुलिस औऱ अर्द्धसैनिक बलों की किसी भी तरह की सहायता नहीं करने के लिए बोला गया है. इसे लेकर भाकपा माओवादी, दक्षिणी जोनल कमेटी के प्रवक्ता अशोक ने प्रेस बयान जारी कर यह फरमान जारी किया है.
शाम 6 से सुबह 6 बजे तक गाड़ी नहीं चलाने की चेतावनी
दक्षिणी जोनल कमेटी ने ग्रामीण जनता को बुबीट्रैप (पागल जाल) से सावधान करने और यात्री वाहन के मालिकों से पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को न ढोने और गाड़ी नहीं देने की हिदायत दी गी है. इसके साथ ही शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे के पहले तक जंगल के इलाके से गुजरने वाले रोड से गाड़ी नहीं चलाने की अपील की . इसमे ये समझाया भी गया है कि, पुलिस के बहकावे में आकर जिन लोगों ने कमेटी की बात नहीं मान कर जंगल में घुसे तो बुबीट्रैप माइन में फंस कर अपनी जान गंवा दी. जिसमे कुछ लोग घायल हुए, इसके लिए वे लोग खुद, पुलिस और सरकार जिम्मेदार हैं. अपने फरमान में 22 सितम्बर की घटना का भी जिक्र किया गया. जिसमे सीआरपीएफ के हाथीबुरू कैम्प में सामान ले जा रहे ट्रैक्टर बारूदी सुरंग की चपेट में आने लोबो गोप मारा गया और चालक पकलु बोदरा घायल हो गया. इस घटना की जिम्मेदार नक्सलियों ने पब्लिक वाहन से सामान ढुलाई कराने वाले हाथीबुरू सीआरपीएफ कैम्प के अधिकारी, ट्रैक्टर मालिक और चालक को ठहराया.
बारुदी सुरंग का खतरा
नक्सलियों ने अपने फरमान में चेतावनी दी कि सीआरपीएफ, पुलिस कैम्प के जवानों को और कैम्प के सामान की ढुलाई न करें. ऐसा करने से उनकी गाड़ी बारूदी सुरंग की चपेट में आ सकती है. अगर बारुदी सुरंग की जद में आय़ेंगे, तो इसके लिए खुद गाड़ी मालिक और चालक जिम्मेदार होंगे. प्रेस विज्ञप्ति ये भी साफ किया गया कि आम ग्रामीण, गाड़ी चालक, खलासी, पुलिस, अर्द्धसैनिक बल के आम सिपाही और जवान भी हमारी पार्टी व पीएलजीए का निशाना नहीं है. हमारी अदावत लुटेरी साम्राज्यवाद, दलाल नौकरशाह, पूंजीवाद और सामंतवादियों से हैं. ये लुटेरे शोषक शासक वर्ग हमारे देश के मजदूर-किसान, छात्र-नौजवान, निम्न पूंजीपति वर्ग और आम मेहनतकश जनता के दुश्मन हैं. इन मुट्ठीभर शोषक शासक वर्ग 90 प्रतिशत मेहनतकश जनता के ऊपर लूट, शोषण और दमन का राज कर शासन चला रही है.
शोषक शासक वर्ग की रक्षा कर रही है अर्द्धसैनिक बल
नक्सलियों ने अपने फरमान में बताया कि शोषक शासक वर्ग की और उसके हितों की रक्षा मौजूदा पुलिस, अर्द्धसैनिक बल और मिलिट्री करती है. ये सरकारी सशस्त्र संगठन किसान-मजदूर मेहनतकश वर्ग का दमन करने का एक यंत्र व औजार के रूप में काम कर रही है. नक्सलियों ने इन्हें मदद नहीं करने की अपील की है.
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