देवघर (DEOGARH) : सोयाबीन का नाम सुनते ही हर उम्र के लोग प्रसन्न हो उठते हैं।चिकित्सक भी इसका सेवन करने की सलाह देते हैं।यह शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है. जिस प्रकार पशुओं के लिए अब प्राकृतिक चारा की उपलब्धता में कमी आ रही है ऐसे में पशुपालक मजबूरी में फैक्ट्री द्वारा निर्मित चारा का इश्तेमाल पशुओं के लिए करते हैं. जिससे पशुओं की दूध में भी कमी आ रही है. बाजार में पशु दूध वाली पनीर में मिलावट की शिकायत मिलती रहती है।लेकिन अब देवघर के बाजार में सोयाबीन वाला पनीर मिल रहा है. बनारस की तकनीक देवघर में अपनाकर दोगुनी फायदा उठा रहे हैं किसान.
ढाई लाख है प्रोसेसिंग मशीन की कीमत
देवघर के मोहनपुर प्रखंड के अमेलवा गांव के रहने वाले रामु यादव जब बनारस गए तो उन्हें सोयाबीन से दूध निकालने वाली मशीन के बारे में पता चला. फिर क्या था,रामु यादव ने ढाई लाख खर्च कर मशीन मंगवा लिया और लगा सोयाबीन से दूध निकालने. सोयाबीन दाना को प्रोसेसिंग कर निकला दूध को फाड़ कर इससे पनीर बनाने लगे. बाजार में इसका स्वाद लोगों को भी पसंद आने लगा. शुद्धता और पौष्टिक तत्वों से भरपूर सोयाबीन का पनीर की मांग बाजार में तेज हो गयी है. दुग्ध निर्मित पनीर से कम दाम में मिलने से लोग इसे पसंद करने लगे हैं.
ऐसे बनता है सोयाबीन का पनीर,ये आती है लागत
छोटे से कमरे में रखा यह मशीन कोई आटा चक्की नही है. यह है दूध देने वाली मशीन. एक तरफ सोयाबीन का दाना रखिये उसके बाद यह मशीन उस दाना को प्रोसेस करके दूसरी तरफ से दूध बना देगा. फिर इसको फाड़ कर इसका पनीर बनाया जाता है. बाजार में सोयाबीन का दाना 120 रुपया किलो थोक भाव मे मिलता है।1 किलो सोयाबीन से 900 ग्राम दूध प्राप्त होती है. 5 किलो पनीर बनाने में मशीन, बिजली, मेहनताना मिलाकर लगभग 800 रुपये लागत आती है. जबकि बाजार में इसको थोक विक्रेता के यहां 280 रुपये किलो की दर पर उपलब्ध कराई जाती है. खुले बाजार में इसकी कीमत 320 रुपये किलो मिलता है. दूध निर्मित पनीर की कीमत खुले बाजार में 340 और इससे अधिक है.
सोयाबीन का सेवन से ये होता है फायदा
विशेषज्ञ चिकित्सक संजय कुमार बताते है कि पशु दूध के विकल्प के तौर पर सोयाबीन का दूध या अन्य उत्पाद देखा गया है. विदेशों में सोयाबीन का दूध,पनीर की मांग ज्यादा है।सोयाबीन दिल के रोगों में फायदेमंद,एन्टी ऑक्सीडेंट्स होने के कारण कई तरह की गंभीर बीमारियों को पनपने नही देता है, इसमें मौजूद पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाने में काम आता है, प्रोटीन से भरपूर,मेटाबॉलिक सिस्टम को दुरुस्त रखता है।चिकित्सक की माने तो नवजात बच्चे को माँ की दूध के विकल्प के तौर सोयाबीन का दूध काफी फायदेमंद होता है.
स्थानीय लोग भी इस व्यवसाय की ओर हो रहे हैं आकर्षित,सरकार से मदद की अपील
रामु यादव की सोच का परिणाम है कि आज वह बनारस वाला व्यवसाय देवघर में शुरू किया है. सोयाबीन से दूध, पनीर बनाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रहा है. इसके व्यवसाय को देखकर अब स्थानीय लोग भी इस व्यवसाय के प्रति आकर्षित हो रहे हैं. स्थानीय लोगों की माने तो अगर सरकार मदद को हाथ बढ़ाएगी तो इसका अच्छा बाजार हो जाएगा. किसान न सिर्फ सोयाबीन की खेती को बढ़ावा देंगे बल्कि खुद इससे अच्छे खासे कमाई भी करेंगे. जरूरत है सरकार इसको अत्यधिक बढ़ावा देने की. किसान अगर सोयाबीन की अत्यधिक खेती कर स्वयं प्रोसेसिंग प्लांट से इसका दूध बनाकर पनीर इत्यादि बनाएंगे तो उनके साथ आम के आम और गुठलियों के दाम वाली कहावत चरितार्थ हो जाएगी.
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