धनबाद(DHANBAD): झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन में 7,8 एवं 9 नवंबर को राज्यव्यापी सांकेतिक हड़ताल की घोषणा की है. महामंत्री रामकृष्णा सिंह ने इसका ऐलान किया है. दावा किया है कि यूनियन बातों पर, मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो 3 दिन की सांकेतिक हड़ताल अवश्य होगी. यूनियन की मांगों में दुर्गा पूजा के पहले 6% ऊर्जा भत्ता के एवज में 3% अंतरिम सहायता का भुगतान किया जाए, सभी मृत कामगार के आश्रित, जो स्नातक उत्तीर्ण है, उन्हें लिपिक पद पर नियुक्त किया जाए. 2009 में जो कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं, उनकी नियुक्ति को बरकरार रखा जाए. बकाया ,अधिकाल भत्ता का भुगतान दुर्गा पूजा के पहले हर हाल में कर दिया जाए, चौकीदार ,चपरासी आदि को भी पदोन्नति दी जाए. सभी सहायकों को बिना परीक्षा लिए पदोन्नति मिले. इनके अलावा भी और कई मांगे है.
कार्यरत को पदोन्नति देने के बाद ही बहार से बहाली हो
सबसे प्रमुख मांग यह है कि विभाग में कार्यरत कामगारों को पदोन्नति देने के बाद ही किसी बाहरी व्यक्ति को बहाल किया जाए. बिजली विभाग में मजदूर संगठन और प्रबंधन के बीच मांगों को लेकर हमेशा टकराहट होती रहती है. धनबाद की बात की जाए तो यहां लाइनमैन का काम मैन डेज कर्मियों से चलाया जा रहा है. इन मैनडेज कर्मियों का इलाके में दबदबा होता है.
घर की बिजली में कोई तकनीकी गड़बड़ी हो जाए ,तब जानिए परेशानी
आपके घर की बिजली में कोई तकनीकी गड़बड़ी हो जाए तो फिर किस-किस के दरवाजे पर आपको जाना होगा, यह तो कोई भुक्तभोगी ही बता सकता है. बहरहाल, बिजली विभाग उपभोक्ताओं की गर्दन मरोड़ कर बिजली बिल का भुगतान तो ले लेता है लेकिन सुविधाएं मिलती नहीं है. आज शायद ही कोई मिडिल क्लास परिवार होगा, जिन्हें इनवर्टर रखने की बाध्यता नहीं होगी. कभी-कभी तो बिजली की लगातार कटौती से यह इनवर्टर भी फेल कर जाते है. बिजली विभाग के कर्मचारियों का डिमांड पूरा होता ही नहीं , उपभोक्ताओं को सही से बिजली मिलती नहीं , फिर तो विभाग के क्रियाकलाप पर सवाल उठना बहुत ही स्वाभाविक है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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