दुमका (DUMKA) : दुमका के पुराना समाहरणालय परिसर में ग्राम प्रधान माझी संगठन द्वारा एक दिवसीय धरना दिया गया. साथ ही मुख्यमंत्री के नाम 6 सूत्री मांग पत्र डीसी को सौपा गया. संगठन के प्रमंडलीय अध्यक्ष भीम प्रसाद मंडल के नेतृत्व में आयोजित धरना में काफी संख्या में ग्राम प्रधान शामिल हुए. जहां धरना में शामिल वक्ताओं ने सरकार की नीति पर नाराजगी जताई.
संथाल परगना को सुखाड़ घोषित करे सरकार
इस दौरान प्रमंडली अध्यक्ष भीम प्रसाद मंडल ने कहा कि दुमका सहित संथाल परगना प्रमंडल के अधिकांश जिलों में मानसून की बेरुखी देखने को मिली. अल्प वृष्टि के कारण किसानों की जमीन परती पड़ी हुई है. खरीफ फसल की संभावना भी क्षीण हो रही है. जिस वजह से पूर्ण रूपेण सुखाड़ की स्थिति बन गई है. सरकार संथाल परगना प्रमंडल को पूर्ण सुखाड़ घोषित करते हुए प्रत्येक किसानों को ₹10000 मुआवजा राशि दे. साथ ही संथाल परगना प्रमंडल के हर किसान के खेतों तक सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराए.
सीबीआई से कराई जाए जांच
साथ ही उन्होंने कहा कि संथाल परगना प्रमंडल में जारी भू सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्यालय दुमका में व्यापक और अनियमितता पदस्थापित भ्रष्ट बंदोबस्त पदाधिकारी, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी द्वारा निष्पादित सभी अभिलेखों, प्रमाणित प्रतिलिपि से संबंधित वर्षों से लंबित आवेदनों, पदाधिकारी द्वारा आदेश में दिए गए वादों को आदेश की प्रत्याशा में वर्षों से लंबित अभिलेख की जांच तथा पूर्व व वर्तमान में पद स्थापित बंदोबस्त विभाग के सभी पदाधिकारी एवं लिपिक की संपत्ति की जांच ईडी और सीबीआई से कराई जाए.
उन्होंने कहा कि प्रमंडल के ग्राम प्रधान एवं लेखा होड़ यानी जोगमाझी, पराणिक, नायकी, कूडूम नाइकी आदि की सम्मानित राशि बढ़ाते हुए ग्राम प्रधान को ₹5000 से बढ़ाकर ₹10000 प्रतिमाह तथा लेखा होड़ की सम्मानित राशि ₹1000 से बढ़ाकर ₹5000 किया जाए. प्रमंडल के सभी ग्राम प्रधानों से पूर्व की तरह ऑफलाइन मालगुजारी वसूल कराया जाए. ऑनलाइन मालगुजारी वसूली को अभिलंब बंद किया जाए. कहा कि सरकार की मानसिकता ठीक नहीं है. पूरे प्रमंडल में माफिया राज कायम है. गिट्टी, बालू, कोयला, बालू और लकड़ी की लूट मची है. सरकार अगर मांगे नहीं मानती है तो 22 दिसंबर को प्रमंडल स्तरीय रैली निकाल कर सरकार को आगाह किया जाएगा.
रिपोर्ट. पंचम झा
4+