धनबाद(DHANBAD) बिजली कर्मचारी आंदोलन की राह पकड़ लिए है. मंगलवार को झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन के बैनर तले धनबाद आपूर्ति अंचल के कर्मियों ने महामंत्री राम कृष्णा सिंह के नेतृत्व में एक रैली निकालकर विद्युत अंचल कार्यालय पहुंचे. कहा कि अभी तो यह अंगड़ाई है, असली लड़ाई बाकी है. विद्युत अंचल कार्यालय में सभा को संबोधित करते हुए राम कृष्णा सिंह ने कहा कि प्रबंधन अभी शासन और शोषण दोनों कर रहा है. जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. धनबाद अंचल के कर्मचारी एक ही पद पर 22- 22 साल से काम कर रहे है. लेकिन उन्हें पदोन्नति नहीं दी जा रही है. पूरे अंचल में सैकड़ों सब स्टेशन, सेक्शन ऑफिस खुल गए है. 50 गुणा से अधिक उपभोक्ताओं की वृद्धि हुई है. लेकिन 1976 के बाद का कोई रिकॉर्ड नहीं है. सब कुछ मुखेर कानून की तरह चल रहा है.
विभाग के राजस्व में 1100 करोड़ की वृद्धि
विभाग को 1100 करोड़ राजस्व की वृद्धि होने के बावजूद भी 6% उर्जा भत्ता कर्मचारियों को नहीं मिल रही है. कोरोना काल में जब सब कुछ बंद था, तब बिजली कर्मचारी जान हथेली पर लेकर काम किए बावजूद प्रबंधन उनके साथ कोई सहानुभूति नहीं दिखा रहा है. अगर समय रहते प्रबंधन कर्मचारियों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं करता है तो 15 जुलाई से सभी कर्मी हड़ताल पर चले जाएंगे. हड़ताल का असर कोयला, पानी, बिजली, उद्योग सब पर पड़ेगा ,जिसकी जिम्मेवारी प्रबंधन की होगी. राम कृष्णा सिंह ने मुख्यमंत्री से भी अपील की कि झारखंड के 50 लाख से भी अधिक उपभोक्ताओं की सेवा में सिर्फ 4000 कर्मचारी कार्यरत है. यह कर्मचारी भी एक ही पद पर दशकों से कार्यरत है. उन्हें कोई पदोन्नति नहीं दी गई है. बिजली विभाग के इस कार्रवाई को कर्मचारियों ने शोषण की संज्ञा दी और कहा कि अब कर्मचारी चुप नहीं बैठ सकते.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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