धनबाद(DHANBAD): तो क्या भाजपा यह तय कर चुकी है कि बंगाल के आसनसोल लोकसभा सीट से वह चुनाव को बिहार वर्सेस बिहार बनाएगी. भोजपुरी गायक और एक्टर पवन सिंह के इनकार के बाद भी भाजपा इसी दिशा में आगे बढ़ रही है. चर्चा तेज है कि भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह को भाजपा आसनसोल लोकसभा चुनाव में उतार सकती है. इसकी वजह भी है. एक तो आसनसोल झारखंड से सटा हुआ है और यहां लगभग 50% आबादी गैर बंगालियों की है. पहले यहां भाजपा के टिकट पर बाबुल सुप्रियो सांसद हुआ करते थे. लेकिन वह टीएमसी में चले गए. फिर उपचुनाव हुआ तो टीएमसी के टिकट पर बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा यहां से सांसद चुने गए.
पवन सिंह की इच्छा बिहार के आरा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की है
आसनसोल सीट से पवन सिंह क्यों इनकार किया, इसको लेकर तरह-तरह की बातें कहीं जा रही है. पवन सिंह के नाम की घोषणा होते ही टीएमसी भी आक्रामक हो गई थी. फिर पवन सिंह ने खुद ही चुनाव नहीं लड़ने का घोषणा कर दी. वैसे सूत्र बताते हैं कि पवन सिंह की इच्छा बिहार के आरा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की है. लेकिन यहां अभी फिलहाल भाजपा की टिकट पर आरके सिंह सांसद हैं और वह केंद्र में मंत्री भी हैं. जो भी हो लेकिन आसनसोल चुनाव में कलाकारों की का तड़का लगाने के लिए भाजपा भी तैयार दिख रही है तो टीएमसी भी हो सकता है कि बिहारी बाबू और फिल्म स्टार शत्रुघ्न सिन्हा पर ही दाव लगाएं.
यह चर्चा धनबाद कोयलांचल में उमड़ घुमड़ रही है.
अक्षरा सिंह के साथ मिथुन चक्रवर्ती की भी चल रही चर्चा
2022 में आसनसोल लोकसभा के हुए उपचुनाव में बिहारी बाबू के नाम से प्रसिद्ध शत्रुघ्न सिन्हा तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे .आसनसोल सीट से 2014 और 2019 में भाजपा के बाबुल सुप्रियो चुनाव जीते थे. लेकिन 2021 में बाबुल सुप्रियो भाजपा छोड़कर टीएमसी में चले गए. उसके बाद 2022 में उपचुनाव हुआ और टीएमसी से बिहारी बाबू चुनाव जीते. उन्होंने भाजपा को लगभग 3 लाख मतों से हराया था .हालांकि चर्चा सिर्फ भोजपुरी स्टार अक्षरा सिंह की ही नहीं बल्कि मिथुन चक्रवर्ती की भी चल रही है. देखना होगा किसके नाम को अंतिम रूप दिया जा सकता है .
आसनसोल लोकसभा क्षेत्र पांडेश्वर, रानीगंज, जमुडिया,आसनसोल दक्षिण, आसनसोल उत्तर ,कुल्टी और बाराबंकी विधानसभा क्षेत्र को मिलाकर आसनसोल लोकसभा क्षेत्र बनाया गया है. बंगाल चुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है तो तृणमूल कांग्रेस भी यहां थोड़ा भी कमजोर दिखाने को तैयार नहीं है.
रिपोर्ट:धनबाद ब्यूरो
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