टीएनपी डेस्क (Tnp desk):-राज्य में टेंडर कमीशन घोटाला, खनन घोटला, जमीन घोटाला और अब शराब घोटाले को लेकर चर्चाए गर्म है. ईडी जिस तरह से एक्शन में दिखा रही है, इससे तो लगता है कि जल्द ही शराब घोटाले में भी शिकंजा और कसा जायेगा. दरअसल, जांच एजेंसी लगातार इस मामले में झारखंड में शराब के कारोबार से जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही है. जामताड़ा के शराब कारोबारी योगेन्द्र तिवारी और उनके भाई अमरेन्द्र तिवारी समेत 50 लोगों से सवाल-जवाब जांच एजेंसी कर चुकी है. ऐसी सुगबुगाहट और चर्चा है कि ईडी जल्द ही बड़े लोगों के यहां फिर छापेमारी कर सकती है. ईडी के सूत्रों ने दावा किया है कि यह घोटाला 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का हो सकता है.
पुरानी और नई शराब नीति
ईडी शराब घोटाले में पुरानी और नई शराब नीतियों को खंगाल रही है. इससे पता कर रही है कि आखिर इस गोलमाल में कौन-कौन और लोग जुड़े हुए है. पैसा किनके पास पहुंचा और किस तरीके से पहुंचा , इन सारी चिजों को बारिकी से पता लगाया जा रहा है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि कई बड़े लोग इस खेल में शामिल है. हाल ही में नोएडा में छत्तीसगढ़ ईडी ने नकली होलोग्राम स्पलाई करने को लेकर एक केस दर्ज कराया था. झारखंड में भी इसी कंपनी ने होलोग्राम की स्पलाई की थी.
23 अगस्त को हुई थी छापेमारी
शराब घोटाले को लेकर ईडी ने 23 अगस्त को कोराबरी योगेन्द्र तिवारी के ठिकाने समेत 32 जगहों पर रेड डाला था. छापेमारी में ईडी को वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के आवास से 30 लाख रुपए नकद मिले थे. इसके बाद ईडी लगातार इस मामले में झारखंड में शराब से जुडे लोगों से पूछताछ कर रही है. किंग पिन माने जा रहे तिवारी बंधु से तो ईडी ने घंटों पूछताछ कर उनसे जो जानकारियां जुटायी, उसका मिलान कर सच जानने में जुटी है. जांच एजेंसी के सूत्रों की माने तो योगेन्द्र तिवारी के राजदार और पार्टनर कई सफेदपोश भी है. इसके साथ ही झारखंड में जो नई शराब नीति लागू हुई है, उसकी नीति को बदलने में कई अधिकारी और नेताओं ने खेल किया है.
कई लोगों की फूली सांसे
ईडी को शराब घोटाले में अभी तक जो जानकारियां और सबूत मिले हैं. इसके आधार पर जांच एजेंसी उन सभी कड़ियों को जोड़ने की कवायद में जुड़ गई है. ताकि शराब घाटोले में शामिल किरदारों को पर्दाफाश करें और घोटालेबाजों को सलाखों के पीछे भेजे. इसी कवायद में ईडी जोर-शोर से जांच का दायारा विस्तृत कर दिया है. हालांकि, जांच एजेंसी की कार्रवाई से कई अंदर ही अंदर कई अधिकारियों और सियासतदानों की सांसे फूल गई है. जो इसमे शामिल है, वे डरे-सहमे है कि कहीं, उन्हें भी ईडी समन करके बुलावा न भेज दे.
फिलहाल, जांच एजेंसी शराब घोटाले की तफ्तीश में जुटी है, देखना दिलचस्प ये होगा कि आगे क्या होता है औऱ कौन-कौन लोग इस घोटाले की जद में आते हैं.
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