टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : रांची के पूर्व उपायुक्त और आईएएस छवि रंजन के ठिकानों पर ED की छापेमारी चल रही है. ये छापेमारी जमीन से जुड़े मामले को लेकर है. बताया जाता है कि रांची में डीसी रहते इन्होंने बड़े पैमाने पर जमीन का घोटाला किया था, इतना ही नहीं इनपर कई बेशकीमती सरकारी पेड़ों की चोरी का भी आरोप है. ईडी अधिकारी छविरंजन के रांची जमशेदपुर सहित 22 ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं.
क्या है सरकारी पेड़ों की चोरी का मामला
ये मामला 2016 का है. आईएएस छवि रंजन के ऊपर डाक बंगला परिसर में लगे सरकारी शीशम व सागवान के पेड़ की गैर-कानूनी तरीके से कटाई का आरोप लगा था. इस बात का खुलासा आईएएस के अंगरक्षक कृष्ण वर्मा ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की पूछताछ में किया था. पांच सागवान व एक शीशम का पेड़ कटवाने के मामले में चार लोगों के खिलाफ एसीबी में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. जिसमे ,संदीप कुमार मधेशिया, जीवन राम, और छवि रंजन के अंगरक्षक कृष्णा वर्मा और कंप्यूटर ऑपरेटर दिनेश तुरी का नाम शामिल था. अंगरक्षक कृष्णा वर्मा को 22 जनवरी 2016 को गिरफ़्तारी हुई वही राज्य सरकार ने द्वारा आईएएस छवि रंजन का तबादला किया गया था.
जानिए छवि रंजन के बारे में
छवि रंजन भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2011 बैच के अधिकारी हैं. आइएएस में चयन के बाद उन्हें झारखंड कैडर मिला था. झारखंड में उनकी पहली पोस्टिंग चक्रधरपुर में एसडीओ के पद पर हुई थी. इसके बाद उन्हें लोहरदगा का डीडीसी बनाया गया. फिर वे कोडरमा के डीसी बनाए गए थे, इस दौरान सरकारी वृक्ष काटने का आरोप में इनका तबादला कर दिया गया था. इसके बाद वो धनबाद नगर निगम के आयुक्त बनाए गए. धनबाद नगर निगम के आयुक्त के पद से छवि रंजन का तबादला समाज कल्याण विभाग में निदेशक के पद पर किया गया. 2020 में उन्होंने रांची में डीसी के पद पर अपना पद ग्रहण किया था. तत्काल आईएएस छवि रंजन समाज कल्याण विभाग के निदेशक पद पर तैनात हैं.
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