टीएनपी डेस्क (TNP DESK):- झारखंड में पद का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये की दौलत बनाने वाले गिरफ्तार इंजीनियर वीरेन्द्र राम पर शिकंजा कसता ही जा रहा है . ईडी की जांच में एक ओर खुलासा हुआ है कि वीरेन्द्र राम अपने कालेधन को चार्टड एकाउंटेट मुकेश मित्तल के जरिए रिश्तेदारों और कर्मचारियों के खाते में भेजता था . ईडी की जांच में ये बात सामने आई है कि वीरेन्द्र राम कालेधन को अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट मुकेश मित्तल के जरिए ही सफेद करता था . उसकी काली दौलत को मुकेश मित्तल ही विभिन्न खातों से सफेद बनाकर वीरेंद्र राम के पारिवारिक सदस्यों के खाते में जमा करवाता था.
एक चैनल करता था काम
ये बात सामने आई है कि , वीरेंद्र राम और मुकेश मित्तल कालाधन नगदी के रूप में नीरज मित्तल को देते थे. जो विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से मुकेश मित्तल के ही कर्मचारियों व रिश्तेदारों के खाते में जमा करता था. नीरज मित्तल के कहने पर उसका सहयोगी हरीश यादव ही सभी रुपयों को ट्रांसफर करता था. इसके बाद मुकेश मित्तल उन खातों से रुपयों को वीरेंद्र राम की पत्नी राजकुमारी देवी, पिता गेंदा राम के खाते में भेजते थे . इसमे दिल्ली में फर्जी दस्तावेज पर कुछ फर्जी बैंक खाते भी खोले गए थे.
दिल्ली में खरीदी संपत्ति
ईडी की जांच में ये बात सामने आई कि भ्रष्टाचारी इंजीनियर वीरेंद्र राम ने अपने पिता गेंदा राम के नाम पर ही साकेत दिल्ली में 22.5 करोड़ की अचल संपत्ति खरीदी थी. इनमें चार करोड़ रुपये बैंकिंग चैनल व 18.5 करोड़ रुपये नकदी में भुगतान हुआ था. जांच में यह भी खुलासा हुआ कि वीरेंद्र कुमार राम ने हवाला चैनल के माध्यम से पांच करोड़ रुपये चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल तक पहुंचाए थे. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में तीन मार्च 2023 को वीरेंद्र कुमार राम, उसके चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल व अन्य के खिलाफ जालसाजी की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसकी जांच दिल्ली पुलिस भी कर रही है.
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