टीएनपी डेस्क (TNP DESK)पर्यावरण और तितली प्रेमियों का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है. भगवान बिरसा जैविक उद्यान पूर्वी भारत का सबसे बड़ा ‘खुला तितली उद्यान’ जल्द ही आम लोगों के लिए खोला जाएगा. रांची शहर से करीब 25 किलोमीटर दूर बिरसा चिड़ियाघर के रूप में लोकप्रिय बीबीबीपी के परिसर में यह उद्यान ‘19 एकड़ भूमि पर निर्मित किया गया है. इस उद्यान के पहले चरण का काम दो करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से लगभग पूरा हो चुका है. अभी इसके सौंदर्यीकरण और अन्य काम अभी जारी है.
झारखंड में तितली की 75 से अधिक प्रजातियां
झारखंड में तितली की 75 से ज्यादा प्रजातियां पायी जाती है. तितली उद्यान के खुलने से पर्यावरण और परिस्थितिकी तंत्र को काफी फायदा होगा .उद्यान को शानदार तरीके से बनाने के लिए जोर शोर से काम चल रहा है . इसके लिए उद्यान में अनुकुल वातारवरण बनाया जा रहा है . इससे तितलियों के विकास में काफी फायदा होगा .चिड़ियाघर प्राधिकरण झारखंड में पाई जाने वाली अधिकांश प्रजातियों जैसे ट्वनी कोस्टर, सार्जेंट, बुश ब्राउन, बैरोनेट, प्लेन टाइगर, लेमन पैंसी, कॉमन सेलर और अन्य को उद्यान में रखने की कोशिश करेगा.
पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने किया था शिलान्यास
तात्कालीन मुख्यमंत्री रघुबर दास ने 29 जून 2017 को उद्यान का शिलान्यास किया था . इसके पहले चरण के काम को पूरा करने में करीब छह साल लग गये . वैसे इसकी काम की शुरुआत 2020 में शुरु हुई थी. कोविड महामारी के आने के चलते इसके काम पर भी असर पड़ा. पूर्वी भारत के इस सबसे बड़े तितली उद्यान के रखरखाव पर सालाना 25 लाख रुपये का खर्च आएगा. रांची के ओरमांझी क्षेत्र में 104 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस जैविक उद्यान में करीब 1,450 जानवर हैं जो स्तनधारियों, सरीसृपों और पक्षियों की 83 प्रजातियों से संबंधित हैं.
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