प्रशासन की लापरवाही से नहीं बन पा रहा सड़क, आदिवासी और गैर आदिवासी परिवारों के बीच तनाव


दुमका (DUMKA): प्रखंड के सैकड़ों ग्रामीण मंगलवार को डीसी से मिलने समाहरणालय पहुंचे. ग्रामीणों की मांग है कि गांव को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण किया जाए. दरअसल, ग्रामीणों की यह मांग काफी पुराना है. दुमका - शिकारीपाड़ा मुख्य मार्ग से लगभग 1 किलोमीटर दूर सदर प्रखंड के झुरको गांव है. ग्रामीण मुख्य सड़क से पगडंडी के सहारे दूरी तय कर घर पहुंचते हैं. गांव में कोई चार चक्का वाहन प्रवेश करने का रास्ता नहीं है. मरीज को खाट के सहारे मुख्य सड़क तक लाना पड़ता है. स्कूल वैन गांव तक नहीं पहुंचने के कारण बच्चों को विद्यालय जाने में भी परेशानी होती है. यहां के ग्रामीण प्रचुर मात्रा में मौसमी साग सब्जी की खेती करते हैं. किसान को अपने उत्पाद को मुख्य सड़क और लेकर वाहन में रख कर शहर भेजना पड़ता है.
अप्रैल में मिला था आश्वासन
अप्रैल महीने में भी ग्रामीणों ने संपर्क सड़क निर्माण की मांग को लेकर डीसी कार्यालय का घेराव किया था. उस समय ग्रामीणों को आश्वासन मिला था कि जल्द सड़क निर्माण का कार्य शुरू होगा. सीओ ने गांव पहुंच कर सड़क निर्माण में आ रही बाधा को दूर करते हुए जमीन भी चिन्हित कर दिया था. इसके बाबजूद सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया.

पैदल चलना भी हो जाता है दुभर
ग्रामीण सड़क निर्माण की मांग लंबे समय से करते आ रहे है. सड़क निर्माण में महज 500 मीटर की दूरी बाधक है. इस जमीन पर गांव के कुछ आदिवासी परिवार दावा कर रहे है. कभी-कभी तो हालात इतनी बदतर हो जाती है कि उस मार्ग से ग्रामीणों को पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. किसी वाहन के गुजरने पर उससे रुपया वसूल किया जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि सीओ ने जो जांच किया था, उसमें यह साबित हो चुका है कि जिस जमीन पर आदिवासी परिवार का दावा किया जा रहा है, वह जमीन गैर मजरुआ आम है. इसके बाबजूद सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि ग्रामीणों की इस समस्या का समाधान जल्द कर दें. नहीं तो कभी भी वहां आदिवासी औऱ गैर आदिवासी परिवार के बीच विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है.
रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका
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