दुमका: झपट्टामार गिरोह का आतंक, फिर एक महिला को बनाया निशाना, चेन छीन कर हुए फरार

दुमका(DUMKA): दुमका के नगर थाना क्षेत्र में चेन छीनने वाले उचक्कों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. बाइक सवार दो युवकों ने रविवार को दो महिलाओं को अपना निशाना बनाया था, उन्हीं युवकों ने मंगलवार को अग्रसेन भवन से चंद कदम दूर 65 साल की नारायणी देवी के गले से सोने के चेन छीन कर आराम से फरार हो गए. चेन में हीरा का लाकेट लगा हुआ था। तीन दिन में दो असली और एक नकली चेन की छिनतई के बाद जेवर पहनकर निकलने वाली महिलाओं में दहशत है. महिला की शिकायत के बाद नगर थाना की टीम ने स्थल पर जाकर जांच की.
सीसीटीवी फुटेज के सहारे लकीर पीट रही पुलिस
घटना की वारदात सीसीटीवी में कैद हो गया, जिसे पुलिस खंगाल रही है. सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि जिन युवकों द्वारा रविवार की चेन की छिनतई की गई थी, वही दोनों युवक आज भी घटना को अंजाम दिया है. क्योंकि 2 में से एक युवक वही टीशर्ट पहने हुए है जो टीशर्ट रविवार को पहना था. पुलिस दोनों युवक की तलाश के लिए इधर उधर की दौड़ लगा रही है.
सड़क किनारे ऑटो का इंतजार कर रही महिला को बनाया निशाना
जानकारी के अनुसार अग्रसेन भवन के समीप सोल्टी नाश्ता की दुकान के सामने रहने वाली नारायणी देवी सुबह करीब दस बजे टाटा शोरूम स्थित दादी सती मंदिर में चल रहे मंगलपाठ में जाने के निकली. वह घर से कुछ दूर टोटो का इंतजार कर रही थी. तभी बाइक सवार दो युवक आए और गले से चेन छीनकर भाग गए. चेन वजनदार होने के कारण महिला का गला छिल गया.
रंग खरीदने के बहाने कर रहे थे रेकी
बाइक सवार दोनों युवकों ने इन दिनों अग्रसेन भवन के समीप अपना अडडा जमा लिया है. रविवार को भी इसी जगह पर निर्मला देवी नामक महिला को निशाना बनाया था. नारायणी देवी जब घर से बाहर निकली तो दोनों युवक उन पर नजर बनाए हुए थे. महिला को टोटो का इंतजार करता देख एक युवक बाइक से नीचे उतरा और रंग बेचने वाले दुकानदार से रंग का दाम पूछा. करीब एक मिनट बात करने के बाद वापस अपने साथी के पास आया. इसके बाद वह भी बाइक पर बैठ गया और पीछे से झपटटा मारकर चेन लेकर चलता बना.
बेखौफ है उच्चके, सवाल पुलिस की कार्यशैली पर!
शहरी क्षेत्र में महिलाओं को अपना निशाना बना रहे बाइक सवार दो युवकों को पुलिस का डर नहीं है. लगातार तीन दिन के अंदर तीन वारदातों को अंजाम देने के बाद भी शहर में घूम रहे हैं. आम तौर पर अपराधी पहली वारदात के समय जो कपड़े पहनते हैं दूसरी वारदात करने से पहले उसे बदल लेते हैं. यहां पर जो युवक बाइक चला रहा था, उसने वहीं शर्ट पहनी हुई थी जो रविवार को पहनी थी, केवल उसके साथी ने टीशर्ट की जगह शर्ट बदली. इससे साफ होता है कि दोनों को पकड़े जाने का कोई डर नहीं है. ऐसी स्थिति में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होना लाजमी है. अपराधी बार बार पुलिस को चुनौती दे रहा है, पुलिस कब तक उसे पकड़ कर सलाखों के पीछे भेजती है यह देखना दिलचस्प है.
रिपोर्ट: पंचम झा
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