दुमका(DUMKA): हमारे बीच कभी कभी कुछ ऐसी घटनाएं घटित होती है जो हमें झकझोर कर रख देती है. हमें यह सोचने पर विवश कर देता है कि आखिर कहां जा रहा है हमारा समाज. लेकिन उसी समाज में कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो इंसानियत की नई मिसाल पेश करते हुए मानवता को शर्मसार होने से बचा लेता है. हम बात कर रहे हैं दुमका पुलिस की. अमूमन पुलिस का क्रूर चेहरा सामने आता है लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिला के हंसडीहा थाना की पुलिस की वह कार्यवाई जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है और लोग जमकर पुलिस की तारीफ कर रहे हैं.
अधेड़ व्यक्ति को दिया नया जीवन
दरअसल हंसडीहा बाजार में कुछ दिनों से एक अधेड़ घूम रहा था. उस व्यक्ति को कोई पहचान नहीं रहा था. दुमका - भागलपुर मार्ग पर आईबी गेस्ट हाउस के सामने सड़क पर रात गुजारता था. बुधवार को लोगों की नजर उस पर उस वक्त पड़ी जब वह बेहोशी की हालत में सड़क पर पड़ा था. उसके तन पर कोई कपड़ा नहीं था. गुलाबी ठंड से बचने के लिए वह अपने शरीर को एक जूट के बोरा में कैद कर रखा था. शारीरिक बनाबट देख कर यही कहा जा सकता है कि कोई नर कंकाल हो. सड़क पर बेसुध पड़े अधेड़ को देख कर लोगों ने उसे मृत समझ लिया. इसकी सूचना हंसडीहा थाना को दी गयी. सूचना मिलते ही हंसडीहा थाना की पुलिस मौके पर पहुचीं. जब पुलिस को लगा कि अधेड़ में जान है तो पुलिस लग गयी उसे नया जीवन देने. सबसे पहले उसे बोरा से निकाल कर नया वस्त्र पहनाया गया. जीप से उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुचाया गया. पृथ्वी के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर के अथक प्रयास से उसे होश आया. सभी ने राहत की सांस ली.
होश आने पर उसने अपना नाम अर्जुन यादव बताया. गोड्डा जिला के मुफ़स्सिल थाना के कुरुवा गांव का रहने वाला है. पुलिस द्वारा उसके परिजनों से संपर्क किया जा रहा है. उम्मीद की जानी चाहिए कि शीघ्र ही अर्जुन स्वस्थ्य होकर अपने परिवार के बीच होंगे. लेकिन सवाल उठता है कि आखिर अर्जुन की ऐसी हालत क्यों हुई. अर्जुन के बच्चे है या नहीं यह फिलहाल पता नहीं चल पाया है. अगर बच्चे नहीं भी होंगे तो रिश्ते, नाते और समाज तो होंगे ही. आखिर किसी ने अर्जुन की सुधि क्यों नहीं ली.
रिपोर्ट: पंचम झा
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