दुमका(DUMKA): जनवरी 2019 में दुमका जिला के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के छातुपाडा में पुलिस नक्सली के बीच मुठभेड़ हुई थी. तत्कालीन एसपी वाई एस रमेश के नेतृत्व में पुलिस ने संथाल परगना प्रमंडल में आतंक का पर्याय बन चुके 10 लाख रुपए के इनामी नक्सली सहदेव राय उर्फ ताला दा को मार गिराया. उसके बाद दुमका पुलिस को नक्सली के खिलाफ लगातार सफलता मिली. ताला का हश्र देखकर कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया तो कई नक्सली को पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा. दुमका जिला के साथ-साथ संथाल परगना प्रमंडल में नक्सली गतिविधि में कमी आयी. लगभग 4 वर्षों तक दुमका जिला शांत रहने के बाद एक बार फिर जिले में नक्सली धमक की सूचना है.
5.70 करोड़ रूपये की लेवी की मांग की गई
दरअसल, काठीकुंड प्रखंड को रामगढ़ प्रखंड से जोड़ने के लिए सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है. सड़क निर्माण कार्य करा रहे कंपनी के प्रतिनिधि से लागत राशि का दस प्रतिशत यानी 5.70 करोड़ रूपये की लेवी की मांग की गई है. इस बाबत काठीकुंड थाना में शिकायत दर्ज कराया गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस जांच में जुट गई है.
दुमका जिला का काठीकुंड प्रखंड अति नक्सल प्रभावित प्रखंड माना जाता है. काठीकुंड प्रखंड के गांधी चौंक से रामगढ़ प्रखंड के कड़विंधा गांव तक 22 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने का काम केमेक इंजीनियर्स प्राईवेट लिमिटेड नामक कम्पनी को मिला है. इसकी लागत 57 करोड़ रुपये है. कंपनी से स्थानीय स्तर पर जुड़े व्यक्ति के पास भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) नाम से एक पत्र आया है जिसमें कुल निर्माण राशि 57 करोड़ का 10% अथार्त 5 करोड़ 70 लाख की लेवी की मांग की गई है.
मामले की जांच की जा रही है
इस बाबत संथाल परगना प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल ने कहा कि मामले की जानकारी मिली है. इसमें तथ्य क्या है, सत्यापित किया जा रहा है. वैसे उन्होंने उस क्षेत्र में नक्सल मूवमेंट से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि फिलहाल क्षेत्र में कोई दस्ता सक्रिय है. जिसने भी लेवी मांगी है, पुलिस ने उसे चिन्हित कर लिया है. पुलिस द्वारा आगे की कार्रवाई की जा रही है.
4 साल बाद ही सही जब क्षेत्र में नक्सली धमक की सूचना है तो पुलिस को इस मामले को हल्के में नहीं लेनी चाहिए. क्योंकि काठीकुंड थाना क्षेत्र में जहां इस सड़क का निर्माण हो रहा है, उससे महज कुछ ही किलोमीटर दूर पर वर्ष 2013 में एक बड़ी नक्सली घटना घटी थी. 02 जुलाई 2013 को पाकुड़ के तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार को नक्सलियों ने अपना निशाना बनाया था. इस घटना में एसपी अमरजीत बलिहार और उनके पांच अंगरक्षक शहीद हुए थे. इसमें नक्सलियों ने योजनाबद्ध तरीके से हमला कर एसपी सहित सभी पुलिसकर्मियों को गोली मार कर उनके सारे हथियार लूट लिए थे .
रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका
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