(Dumka):-दुमका जिला में किसी भी तरह का उद्योग लगाना कितना कठीन है यह किसी से छिपा नहीं है. सालों पहले जिंदल ने पावर प्लांट लगाने की शुरुवात की लेकिन जमीन अधिग्रहण को लेकर इतना बबाल हुआ कि जिंदल कंपनी को अपना बोरिया बिस्तरा समेत कर जाना पड़ा. जिले के शिकारीपाड़ा में कोल माइंस प्रशासनिक प्रयास के बावजूद अधर में लटका हुआ है. अब बीजीआर नामक कंपनी शिकारीपाड़ा के हरिनसिंघा में कोल डंपिंग यार्ड शुरू करने को लेकर प्रयास किया, तो लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया. कुछ दिन पूर्व जब बीजीआर कंपनी के अधिकारी साइट पर पहुचे तो उन्हें ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा.
SDO की अगुवाई में बैठक
ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए प्रशासनिक पहल शुरू हुई, इसी कड़ी में शनिवार को शिकारीपाड़ा प्रखंड कार्यालय सभागार में एसडीओ कौशल कुमार की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में पंचायत प्रतिनिधियों और ग्राम प्रधानों को बुलाया गया था. बीजीआर कम्पनी के रेलवे साईडिंग शुरू करने को लेकर बैठक हुई. जिसमे शिकारीपाड़ा प्रखंड प्रमुख हुदू मरांडी, प्रखंड के तीन जिला परिषद सदस्य सुनील मरांडी, प्रकाश हांसदा और अविनाश सोरेन के साथ-साथ सरसडंगाल पंचायत के मुखिया शामिल हुए. इसके साथ ही चार मौजा हरिनसिंगा, पाकदाहा, डिमादाहा और हुलास डंगाल के प्रधानों को आमंत्रित किया गया था लेकिन इसमें तीन प्रधान अनुपस्थित रहे.
सभी से मांगी मदद
बैठक में एसडीएम ने इस बात पर चर्चा किया कि हरिनसिंगा में बीजीआर कंपनी का कोल साइडिंग खुलना है. लिहाजा, सभी से सहयोग की जरुरत है. हालांकि, बैठक में शामिल पंचायत प्रतिनिधि और ग्राम प्रधान इस बात पर अड़े नजर आए कि पहले ग्रामीणों के साथ बैठक करेंगे . इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.
क्या कहते हैं ग्रामीण ?
इस मुद्दे पर ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक वहां से स्टोन चिप्स का रैक लोड होता था लेकिन वह बंद हो चुका है. लोगों का कहना है कि हमलोगों उसे सीधे तौर पर स्टोन चिप्स लोडिंग से जुड़े थे जिससे हमें रोजगार प्राप्त होता था, लेकिन बीजीआर कंपनी के दस्तक देने से सारा कुछ बंद हो जाएगा। शिकारीपाड़ा प्रखंड प्रमुख हुदू मरांडी ने कहा कि संबंधित गांव वालों के साथ जल्द एक बैठक कर किसी निर्णय पर पहुंचेंगे.
SDO ने क्या कहा ?
इधर पूरे मामले पर एसडीओ कौशल कुमार ने कहा कि कुछ दिन पूर्व बीजीआर कंपनी के लोग हरिनसिंगा रेलवे साईडिंग विजिट के लिए गए थे, जहां उन्हें ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा था. लिहाजा, उनकी कोशिश ग्रामीणों को यह बताने की है कि , यह प्रोजेक्ट उनके लिए काफी बेहतर होगा. एसडीओ ने बीजीआर कंपनी को निर्देश दिया कि अधिक से अधिक आसपास के लोगों को ही वहां रोजगार दिया जाए।
यहां सोचने वाली बात ये है कि , जिस तरह बैठक में मौजूद लोगों ने यह कहते हुए अपने हाथ खड़े कर दिए कि ग्रामीणों के साथ बैठक करने के बाद आगे की बात हो सकेगी. इससे यह समझा जा सकता है कि अभी बीजीआर कंपनी को हरिनसिंगा में कोल डंपिंग यार्ड खोलने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी. वैसे भी पिछले वर्ष दुमका रेलवे स्टेशन परिसर में बीजीआर कंपनी द्वारा कोल डंपिंग यार्ड की शुरुवात की गई है. जिसके विरोध में आज भी स्थानीय लोग समय समय पर सड़कों पर उतर कर विरोध जता रहे हैं. जिसे देखते हुए कहा जा सकता है कि बीजीआर के लिए हरिनसिंगा में कोल डंपिंग यार्ड खोलना इतना आसान नहीं होगा.
रिपोर्ट-पंचम झा
4+