दुमका : शहर की तमाम खाद्यान्न सामग्री की दुकानें बंद ! व्यवसायियों का फैसला अनिश्चितकालीन तक बंद रहेंगी मंडी और बाजार
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दुमका (DUMKA) : बुधवार सुबह से ही दुमका के कृषि उत्पादन बाजार समिति प्रांगण में लगने वाला सब्जी मंडी वीरान है. दरअसल, झारखंड सरकार द्वारा कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक 2022 के तहत लगाए जाने वाले बाजार समिति शुल्क के खिलाफ फेडरेशन झारखंड चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज रांची के आवाहन पर दुमका चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने खाद्य सामग्री की खरीद बिक्री अनिश्चितकाल तक बंद रखने का निर्णय लिया है.
बंदी का असर
बंदी का व्यापक असर दुमका के सब्जी मंडी में दिख रहा है. समय के साथ-साथ खाद्य सामग्री की खरीद बिक्री से संबंधित तमाम दुकानें बंद रहने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. क्योंकि बंदी को सफल बनाने के उद्देश्य से मंगलवार को ही दुमका चैम्बर ऑफ कमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष मो. मुस्ताक अली की अध्यक्षता में हटिया परिसर में बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें सभी खुदरा और थोक विक्रेताओं ने बंदी को लेकर अपनी सहमति दी थी. जिनमें खाधान्न सामग्री सहित फल और सब्जी विक्रेता भी शामिल हुए.
रसोई की थाली होगी महंगी
बंदी के फैसले पर थोक सब्जी विक्रेता आनंद केशरी का कहना है कि झारखंड सरकार द्वारा कृषि उपज और पशुधन कानून लाया गया है, जिसका सीधा असर आम लोगों के पॉकेट पर पड़ेगा. रसोई की थाली महंगी हो जाएगी. उन्होंने इसे काला कानून करार दिया और कहा कि जब तक सरकार इसे वापस नहीं लेती तब तक बंदी जारी रहेगा.
दो पर्सेंट कृषि शुल्क में बढ़ोतरी
बता दें कि सरकार द्वारा बाजार समिति शुल्क लगाए जाने से सभी खाद्यान्न और किराना, फल, सब्जी के थोक विक्रेता, मझोले थोक विक्रेता, सी.एन.एफ, डिस्ट्रीब्यूटर, खुदरा दुकानदार, ठेले वाले, मैन्युफैक्चर (मसाला, मिक्सचर, आटा, सूजी, बेसन, सत्तू, पास्ता, चाऊमीन, फरायर), आटा चक्की, राइस मिल, ऑयल मिल, फ्लोर मिल और अन्य सभी ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन कारोबार करने वाले व्यापारियों को झारखंड सरकार द्वारा दो पर्सेंट कृषि शुल्क लगाया जाना है. चैम्बर का मानना है कि इससे सभी व्यापारियों को व्यापार करने में कठिनाइयां होगी और अफसरशाही का सामना करना पड़ेगा.
रिपोर्ट : पंचम झा, दुमका
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