धनबाद(DHANBAD):धनबाद जेल में अमन सिंह की हत्या के बाद जेल में बंद बड़े अपराधियों को भी खतरा महसूस होने लगा है. जेल को सबसे अधिक सुरक्षित ठिकाना मानने वाले और यही से गैंग चलाने वाले खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं. वह अपने वार्डों और सेलों में अतिरिक्त एहतियात बरत रहे हैं. उनकी चिंता स्वाभाविक है कि जब जेल में हथियार पहुंच सकता है तो कभी भी कुछ भी हो सकता है. बड़े अपराधी चौकस हैं.
धनबाद जेल में पहली बार हत्या की गई है
धनबाद जेल में गोलीबारी की घटना ने सबको चौंकाया है.अधिकारियों की भी चिंता बढ़ी हुई है. धनबाद जेल में पहली बार हत्या की गई है. इसके पहले धनबाद जेल में हत्या की वारदात नहीं हुई थी .यह अलग बात है कि पुलिस अभिरक्षा में हत्याएं की गई थी.
झारखंड के अलग-अलग जेलों में रहते हुए अमन सिंह पर कुल 31 मामले दर्ज
सूत्रों के अनुसार कोर्ट परिसर में 1986 में फहीम खान के भाई शमीम खान की शुटरो ने हत्या कर दी थी. इसके अलावे सिपाही चतुर्भुज माझी को गोली मारने के बाद कुख्यात गुड्डू शुक्ला फरार हो गया था.उत्तर प्रदेश का अमन सिंह पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के मामले में धनबाद लाया गया था. झारखंड के अलग-अलग जेलों में रहते हुए अमन सिंह पर कुल 31 मामले दर्ज हुए थे.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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