गिरिडीह(GIRIDIH) : देश में कई ऐसे झोलाछाप डॉक्टर घूम रहे हैं जो मरीजों की जान के दुश्मन बने हैं. डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है उनके हाथ में किसी व्यक्ति की जिंदगी की जिम्मेदारी होती है. उनकी एक छोटी सी चूक किसी व्यक्ति की जान ले सकती है. ऐसे में यह झोला छाप डॉक्टर इंसान की जान के साथ एक भद्दा खिलवाड़ कर रहे हैं. झोलाछाप डॉक्टर का मतलब होता है एक ऐसा डॉक्टर जिसके पास कोई मेडिकल डिग्री नहीं है, और उसके बाद भी वह मरीजों का ईलाज करता है. जो कि काफी खतरनाक है.
2 वर्षीय मासूम की गई जान
एक ऐसा ही खतरनाक मामला गिरिडीह से सामने आया है जाए कि झोला छाप डॉक्टर की वजह से एक मासूम की जान चली गई. यह घटना गिरिडीह जिले के बिरनी थाना क्षेत्र के पेशम गांव की बताई जारी है यहां डॉक्टर की लापरवाही ने की 2 वर्षीय मासूम की जान ले ली. ये बच्चा पेश्म निवासी निवासी मोहम्मद ताज का पुत्र था. मोहम्म्मद ताज की दो साल का पुत्र हसनेन अंसारी को तेज़ बुखार था , जिसे लेकर हसनेन की इलाज हेतु प्रेकटिसनर दिनेश यादव के क्लिनिक में गए. जहां बच्चे का इलाज शुरू किया गया.
इंजेक्शन लगने के बाद बिगड़ी हालत
इस इलाज के दौरान बच्चे को एक इंजेक्शन लगाया गया लेकिन कुछ समय बाद बच्चे की और ज्यादा हालात बिगडने लगी. इसे देखते हुए बच्चे के पिता और प्रेक्टिसनर दोनों साथ मिल कर गिरिडीह स्थित जीडी बगेड़िया हॉस्पिटल में बच्चे को भर्ती करवाया जहाँ चिकित्स्कों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया. इधर बच्चे की मौत की सूचना के बाद मृतक के माता पिता और परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया. वही झोला छाप चिकित्सक बच्चे की मौत की खबर मिलने पर हॉस्पिटल से फरार हो गया है.
जांच में जुटी पुलिस
इस सम्बन्ध में मृतक के पिता ताज ने कहा की गांव के झोला छाप चिकित्सक की लापरवाही ने ही मेरे मासूम बच्चे की मौत हुई है. इधर मामले की जानकारी मिलने के बाद बिरनी थाना के एएसआई अमरप्रिट सिंह तापे भी घटनास्थल पहुंचे और मामले की जानकारी ली. वहीं मृतक बच्चे की पिता के लिखित आवेदन पर पुलिस आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.
रिपोर्ट: दिनेश कुमार
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