दुमका (DUMKA) : झारखंड की उपराजधानी दुमका की धरती में खनिज संपदा का अकूत भंडार है. जिस पर माफिया की नजर लगी हुई है. जिसे लेकर एक बार फिर अवैध कोयला खनन के खिलाफ जिला प्रशासन सख्त हो गयी है. इसी कारण गोपीकांदर के बाद प्रशासनिक टीम द्वारा शिकारीपाड़ा में संचालित अवैध कोयला खनन पर बुलडोजर चलाया गया. जिला खनन टास्क फोर्स की टीम ने अवैध कोयला के एक दर्जन से अधिक खदानों को धवस्त किया है. टीम का नेतृत्व प्रशिक्षु आईएएस प्रांजल ढांढा कर रही थी. उनके साथ एसडीओ कौशल कुमार, एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी, सीओ कपिलदेव ठाकुर सहित शिकारीपाड़ा थाना प्रभारी और वन विभाग के अधिकारी शामिल थे.
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
जानकारी के अनुसार टीम बादलपाड़ा और लुटिया पहाड़ी क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक अवैध कोयला खदानों को जेसीबी से डोजरिंग किया. मीडिया से बात करते हुए एसडीओ कौशल कुमार ने कहा कि कोयला का अवैध उत्खनन किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. लोगों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. शिकारीपाड़ा में प्रसासन की यह कोई पहली कार्यवाई नहीं है. इसके पूर्व भी कई बार अवैध कोयला खदान को ध्वस्त किया जा चुका है.
माफिया को चिन्हित कर कार्रवाई
प्रशासनिक सख्ती के बाद कुछ दिन हालात सामान्य रहता है. उसके बाद फिर से शुरू हो जाता है अवैध कोयला का खनन. सवाल उठता है कि जब जब टीम कार्यवाई करती है तो कहा जाता है कि माफिया को चिन्हित कर कार्यवाई की जाएगी, लेकिन बहुत कम ही ऐसा हो पाता है. कहीं प्रशासन पर कोई दबाब तो नहीं? आखिर माफिया इतना बेख़ौफ़ क्यों है? किसके इशारे पर इस तरह का अवैध कार्य किया जाता है उसे भी चिन्हित कर कार्यवाई की जरूरत है.
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