धनबाद(DHANBAD) | बड़े भाग्य मानुष तन पावा | सुर दुर्लभ सब ग्रन्थन्हि गावा ||अर्थात मनुष्य का शरीर बड़े ही भाग्य से प्राप्त होता है. क्योंकि मानव शरीर पाना देवताओं के लिए भी दुर्लभ है. अर्थात मानव शरीर के लिए देवता गण भी तरसते रहते हैं , लालायित रहते है. ऐसा इसलिए कि मानव शरीर एक ऐसा शरीर है, जो जीव को मोक्ष के दरवाजे तक पहुँचाने का धाम या घर है. शनिवार को धनबाद में दो ऐसी घटनाएं घटी, जिनकी कल्पना मात्र से ही रोंगटे खड़े हो जाते है. धनबाद की भूली डी ब्लॉक में शनिवार की शाम एक युवक ने अपने कमरे में हाथ की नस काटने के बाद फांसी लगाकर जान दे दी. युवक का नाम राहुल कुमार सिंह बताया गया है. वह पढ़ाई में काफी तेज था. बीटेक करने के बाद बेंगलुरु में नौकरी की. एक साल पहले वह रिजाइन देकर भूली लौट आया. यूपीएससी की तैयारी में जुट गया था. 6 महीने से वह डिप्रेशन में था. उसका इलाज भी हो रहा था.
सिविल सेवा में जाना चाहता था लेकिन खत्म कर लिया जीवन
वह सिविल सेवा में जाना चाहता था लेकिन उसके पहले ही उसने आत्महत्या कर ली. दूसरी घटना धनबाद सदर थाना के दामोदरपुर से सामने आई है. विशाल पासवान नामक युवक की सरकारी कुएं में लाश मिली. लोग बताते हैं कि शुक्रवार को बहन की शादी चल रही थी और वह (लड़की का भाई) लापता हो गया. दूसरे दिन शनिवार को पास के ही कुएं से लाश बरामद की गई. लोग जब कुएं में पानी भरने गए तो कुएं में लाश देखे. लोगों ने इसकी सूचना स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि को दी. पुलिस को सूचित किया गया. पुलिस मौके पर पहुंची, स्थानीय लोगों की मदद से रस्सी के सहारे शव को कुएं से बाहर निकाला गया. शुक्रवार को उसकी बहन की शादी कोयला नगर स्थित नेहरू काम्प्लेक्स परिसर में चल रही थी लेकिन शादी समारोह के बीच से ही वह गायब हो गया. उसने आत्महत्या की है अथवा कुएं में गिर गया, पुलिस इसकी जांच कर रही है. इधर, राहुल कुमार सिंह ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है.
सुसाइडल नोट में की है मार्मिक अपील
दो पेज के सुसाइडल नोट में उसने मार्मिक अपील की है. परिजनों से माफी मांगी है. लिखा है की मां, पापा, रानी हमको माफ करना, रानी उसकी बहन है. लिखा है मैं ना तो अच्छा भाई बन पाया, न हीं अच्छा बेटा , उसने अपने दोस्तों से भी माफी मांगी है. कहा है कि वह अपने सभी परिजनों और दोस्तों से प्यार करता है लेकिन वह अंदर से टूट गया है और अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है. इसलिए यह कदम उठाने को मजबूर हुआ हूँ , प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि राहुल ने आत्महत्या करने से पहले इंटरनेट से जानकारी जुटाया और ड्यूल सुसाइड को अंजाम दिया. मरने के पहले उसने अपनी सारी फेसबुक प्रोफाइल को हटा दिया था. जो भी हो लेकिन धनबाद में घटित इन दो घटनाओं ने यह कहने को फिर एक बार मजबूर कर दिया है कि इस तरह के कदम सही नहीं है. मानव तन बहुत मुश्किल से मिलता है, इसको इस तरह से बेकार करना कोई भी समाज स्वीकार नहीं करता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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