DHANBAD: मौसम ने दिया साथ और जल गया रावण, हुई बुराई पर अच्छाई की जीत


धनबाद(DHANBAD): आज दशहरा है और इसी दिन भगवान राम ने लंकापति रावण पर जीत हासिल की थी. उसके बाद से ही दशहरा के दिन रावण का पुतला दहन करने की परंपरा चली आ रही है. रावणदहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का उदाहरण भी माना जाता है. आज ही के 21वें दिन दीपावली मनाई जाती है. सोने की लंका का सम्राट रावण युद्ध कला में पारंगत, तपस्वी और प्रखंड विद्वान था. चारों वेदों और 6 उपनिषदों का भी ज्ञान रखने वाला था. रावण पर जब राम ने विजय पाई तो इसे विजयदशमी कहा जाने लगा. कई जगहों पर रावण की पूजा भी की जाती है. आज के दिन कोयलांचल के कई इलाकों में रावण दहन की परंपरा सालों साल से चली आ रही है. धीरे-धीरे इस कार्यक्रम का विस्तार हो रहा है.
रावणदहन कार्यक्रम को मिल रहा विस्तार
पहले शहर या जिले में एक-दो स्थानों पर रावण दहन होता था, लेकिन अब यह फैलता जा रहा है. बुधवार को धनबाद शहर स्थित धनबाद क्लब में रावण दहन किया गया. काफी संख्या में लोग जुटे. धनबाद के एडीएम नंद किशोर गुप्ता, चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष चेतन गोयनका सहित क्लब के अन्य सदस्य और पदाधिकारी मौजूद थे. रावण दहन कार्यक्रम में पहुंचे धनबाद चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष चेतन गोयनका ने कहा कि हम सबों को अपने अंदर की बुराइयों को निकाल कर बाहर फेंकने का आज दिन है. वहीं, एडीएम नंदकिशोर गुप्ता ने कहा कि दशहरा हम लोग सदियों से मनाते आ रहे हैं और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक इसे मानते है.
रिपोर्ट : शाम्भवी सिंह, धनबाद
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