धनबाद(DHANBAD):कांग्रेस के बुजुर्ग नेताओं को भी अपने को साबित करना पड़ रहा है कि वह कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं. ऐसा करने वालों में पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद शामिल हैं. दरअसल, गुरुवार को धनबाद लोकसभा समन्वय समिति की बैठक देर शाम तक हुई. बैठक में खुद को कांग्रेस का वफादार साबित करने में पूर्व सांसद ददई दुबे और पूर्व मंत्री मन्नान मलिक उलझ गए .यह सब हुआ प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष के सामने. मन्नान मलिक ने ददई दुबे पर निशान साधते हुए कहा कि पार्टी ऐसे प्रत्याशियों को टिकट न दे, जो चुनाव हारने व टिकट न मिलने पर दूसरे पार्टी में चले जाते हैं. और जैसे चुनाव आता है, वैसे ही खुद को कांग्रेस पार्टी का सच्चा सिपाही बताते हुए टिकट का दावा करने लगते हैं.
प्रदेश अध्यक्ष ने बीच बचाव कर मामले को शांत किया
ददई दुबे 2004 में धनबाद से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीते थे .उसके बाद जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह तृणमूल कांग्रेस में चले गए और तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा. लेकिन हार गए .फिर वह कांग्रेस में लौट आए. वहीं मन्नान मलिक की यह बात सुनकर ददई दुबे कहां चुप रहने वाले थे .उन्होंने मन्नान मलिक को निशाने पर लिया. कह दिया कि पार्टी ओवैसी के लोगों से सावधान रहे. जिसका बेटा ओवैसी की पार्टी में है. चुनाव में बाप बेटे ने मिलकर कांग्रेस पार्टी को हराने व ओवैसी की पार्टी के पक्ष में काम किया हो, वैसे लोग कांग्रेस के वफादार कैसे हो सकते हैं. यह सब होते-होते बात बढ़ गई. प्रदेश अध्यक्ष ने बीच बचाव कर मामले को शांत किया.
बीजेपी ने धनबाद सीट को अभी होल्ड पर रखा है
जो भी हो गुरुवार को धनबाद में चुनाव को लेकर काफी गहमागहमी थी. बीजेपी ने धनबाद सीट को अभी होल्ड पर रखा है. तो कांग्रेस ने भी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. इसको लेकर कायसो का बाजार गर्म है. वैसे महागठबंधन की ओर से अभी यह साफ नहीं किया गया है कि कौन सी सीट पर किस दल के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे. लेकिन टिकट पाने की इच्छा रखने वाले अनुशासन को भी तार तार करने से पीछे नहीं है. कांग्रेस में शुक्रवार को यही सब हुआ.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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